सोशल मीडिया पर भी आगामी चुनावों के मद्देनजर सियासी बुखार चढ़ने लगा है.
नई दिल्ली:
सत्ता का सेमीफाइनल कहे जाने वाले आगामी पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की सरगर्मी बढ़ने के साथ ही सोशल मीडिया पर भी सियासी बुखार चढ़ने लगा है. जैसे-जैसे पार्टियों की रणनीतियों से संबंधित खबरें उड़ रही हैं, वैसे-वैसे गली-नुक्कड़ों पर चुनावी चर्चाओं के साथ सोशल मीडिया पर भी सियासी चकल्लस के दौर शुरू हो गए हैं. फिलवक्त सोशल मीडिया फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सऐप ग्रुप पर छाई कुछ ऐसी ही सियासी ज्ञान चर्चाओं पर आइए डालते हैं एक नजर :
आजम को आजमाने का दांव
दो हिस्सों में बंटती दिख रही सपा में मुलायम खेमे की तरफ से जैसे ही खबर उड़ी कि विरोधियों की चाल को धराशायी करने के लिए नेताजी तुरुप के इक्के के रूप में विश्वस्त आजम खान को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना सकते हैं, वैसे ही सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई कि आजम की काट के लिए बीजेपी की तरफ से सबसे उपयुक्त उम्मीदवार योगी आदित्यनाथ होंगे. आजम को आगे करने पर ज्ञान चर्चा यह चल रही है कि इससे मुलायम अपने मुस्लिम वोटों को बिखरने से रोकेंगे. इससे अखिलेश यादव की राह मुश्किल होगी. सर्वाधिक 97 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारने वाले मायावती की राह आसान नहीं होगी.
आदित्यनाथ के बारे में कहा जा रहा है कि वह यूपी में बीजेपी के फायरब्रांड नेता हैं. चुनाव आजम बनाम आदित्यनाथ के होने से वोटों का ध्रुवीकरण तीव्र ढंग से बढ़ेगा और सीधा लाभ बीजेपी को होगा. इस लड़ाई का पश्चिमी यूपी, पूर्वांचल और अवध क्षेत्र में खासा असर दिखेगा.
मायावती का DM कार्ड
दूसरी बड़ी चर्चा बसपा के 97 उम्मीदवारों पर सोशल मीडिया पर चल रही है. इसके नफे-नुकसान पर भी लोग कयास लगा रहे हैं. कुछ का कहना है कि पिछली बार भी मायावती ने दलित-मुस्लिम (डीएम) कार्ड पर दांव खेला था.
उस दौरान पार्टी ने 86 उम्मीदवार भी उतारे थे लेकिन सिर्फ 15 ही जीत सके थे. इसलिए ये कार्ड इस बार भी नहीं चलेगा. कुछ का मानना है कि सपा के कमजोर होने की स्थिति में अबकी बार बीजेपी को इससे लाभ होगा.
केजरीवाल का किस्सा
मंगलवार को पंजाब में एक रैली के दौरान जैसे ही दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि लोग केजरीवाल को ही सीएम समझकर वोट दें, वैसे ही सोशल मीडिया पर भी केजरीवाल के बारे में कयास लगाए जाने लगे.
कुछ लोगों ने उनकी खिंचाई करते हुए कहा कि एक बार फिर सिसोदिया के बयान से यह साबित हो गया है कि केजरीवाल 'भगोड़े' हैं. कुछ चुटकी लेने के अंदाज में कहने लगे कि आप जहां-जहां चुनाव लड़ेगी, वहां-वहां केजरीवाल को सीएम कैंडिडेट घोषित किया जाएगा.
आजम को आजमाने का दांव
दो हिस्सों में बंटती दिख रही सपा में मुलायम खेमे की तरफ से जैसे ही खबर उड़ी कि विरोधियों की चाल को धराशायी करने के लिए नेताजी तुरुप के इक्के के रूप में विश्वस्त आजम खान को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बना सकते हैं, वैसे ही सोशल मीडिया पर चर्चा शुरू हो गई कि आजम की काट के लिए बीजेपी की तरफ से सबसे उपयुक्त उम्मीदवार योगी आदित्यनाथ होंगे. आजम को आगे करने पर ज्ञान चर्चा यह चल रही है कि इससे मुलायम अपने मुस्लिम वोटों को बिखरने से रोकेंगे. इससे अखिलेश यादव की राह मुश्किल होगी. सर्वाधिक 97 सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारने वाले मायावती की राह आसान नहीं होगी.
आदित्यनाथ के बारे में कहा जा रहा है कि वह यूपी में बीजेपी के फायरब्रांड नेता हैं. चुनाव आजम बनाम आदित्यनाथ के होने से वोटों का ध्रुवीकरण तीव्र ढंग से बढ़ेगा और सीधा लाभ बीजेपी को होगा. इस लड़ाई का पश्चिमी यूपी, पूर्वांचल और अवध क्षेत्र में खासा असर दिखेगा.
मायावती का DM कार्ड
दूसरी बड़ी चर्चा बसपा के 97 उम्मीदवारों पर सोशल मीडिया पर चल रही है. इसके नफे-नुकसान पर भी लोग कयास लगा रहे हैं. कुछ का कहना है कि पिछली बार भी मायावती ने दलित-मुस्लिम (डीएम) कार्ड पर दांव खेला था.
पिछले चुनावों में बसपा से 15 मुस्लिम प्रत्याशी जीते थे
उस दौरान पार्टी ने 86 उम्मीदवार भी उतारे थे लेकिन सिर्फ 15 ही जीत सके थे. इसलिए ये कार्ड इस बार भी नहीं चलेगा. कुछ का मानना है कि सपा के कमजोर होने की स्थिति में अबकी बार बीजेपी को इससे लाभ होगा.
केजरीवाल का किस्सा
मंगलवार को पंजाब में एक रैली के दौरान जैसे ही दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि लोग केजरीवाल को ही सीएम समझकर वोट दें, वैसे ही सोशल मीडिया पर भी केजरीवाल के बारे में कयास लगाए जाने लगे.
आप पहली बार पंजाब चुनावों में उतर रही है
कुछ लोगों ने उनकी खिंचाई करते हुए कहा कि एक बार फिर सिसोदिया के बयान से यह साबित हो गया है कि केजरीवाल 'भगोड़े' हैं. कुछ चुटकी लेने के अंदाज में कहने लगे कि आप जहां-जहां चुनाव लड़ेगी, वहां-वहां केजरीवाल को सीएम कैंडिडेट घोषित किया जाएगा.
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