पटना शहर का एक नजारा (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
स्मार्ट सिटी के मुद्दे पर केन्द्र और बिहार के बीच मतभेद खुलकर सामने आ गए हैं। गुरुवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्मार्ट सिटी के चयन की प्रक्रिया पर सवाल उठाया और पटना को शामिल नहीं किए जाने पर नाराजगी जताई। उधर शहरी विकास मंत्री वैंकेया नायडू ने कहा कि पहले चरण में 20 शहरों का चयन खुली प्रतिस्पर्धा के ज़रिए किया गया।
नीतीश कुमार ने कहा, शहरों के चयन का तरीका गलत
बिहार के किसी भी शहर को स्मार्ट सिटी की लिस्ट में न देखकर नीतीश कुमार नाराज हैं। उन्होंने सीधे-सीधे कहा कि चुनाव का तरीका गलत है। इसको लेकर गुरुवार को नीतीश कुमार ने शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से मुलाकात भी की। बैठक के बाद नीतीश ने कहा, "पहले चरण में जिन 20 शहरों का चयन किया गया उसमें बिहार का एक भी शहर शामिल नहीं है। मेरी नजर में यह जरूरी है कि स्मार्ट सिटी योजना के लिए फंड्स बढ़ाए जाएं। इसमें सभी राज्यों को शामिल किया जाना चाहिए। नए शहरों के चयन के दौरान क्षेत्रीय विषमताएं और विकास की असमानताओं को ध्यान में रखना जरूरी होगा।"
खुली प्रतिस्पर्धा के जरिये शहरों का चुनाव
शहरी विकास मंत्रालय ने बाकायदा नीतीश के एतराज पर सफाई दी। मंत्रालय ने कहा कि पहले बीस शहरों का चयन 97 शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा के बाद किया गया है। दूसरे दौर में बाकी राज्यों में से एक-एक शहर का चुनाव किया जाएगा। पहले दौर की प्रतिस्पर्धा में भागलपुर 65वें नंबर पर आया जबकि बिहार शरीफ 91 और मुजफ्परपुर 94वें नंबर पर आए।
पिछड़े राज्य ही पीछे छूटे
लेकिन नीतीश का असली एतराज़ यह है कि इस होड़ में पिछड़े राज्य ही पीछे छूट गए। दरअसल नीतीश की नाराजगी इस बात को लेकर है कि स्मार्ट सिटी के चयन के लिए जो मापदंड तय किए गए हैं उन पर खरा उतरना पिछड़े राज्यों के लिए मुश्किल हो रहा है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शहरी विकास मंत्री इस नए विवाद से आगे कैसे निपटते हैं।
नीतीश कुमार ने कहा, शहरों के चयन का तरीका गलत
बिहार के किसी भी शहर को स्मार्ट सिटी की लिस्ट में न देखकर नीतीश कुमार नाराज हैं। उन्होंने सीधे-सीधे कहा कि चुनाव का तरीका गलत है। इसको लेकर गुरुवार को नीतीश कुमार ने शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू से मुलाकात भी की। बैठक के बाद नीतीश ने कहा, "पहले चरण में जिन 20 शहरों का चयन किया गया उसमें बिहार का एक भी शहर शामिल नहीं है। मेरी नजर में यह जरूरी है कि स्मार्ट सिटी योजना के लिए फंड्स बढ़ाए जाएं। इसमें सभी राज्यों को शामिल किया जाना चाहिए। नए शहरों के चयन के दौरान क्षेत्रीय विषमताएं और विकास की असमानताओं को ध्यान में रखना जरूरी होगा।"
खुली प्रतिस्पर्धा के जरिये शहरों का चुनाव
शहरी विकास मंत्रालय ने बाकायदा नीतीश के एतराज पर सफाई दी। मंत्रालय ने कहा कि पहले बीस शहरों का चयन 97 शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा के बाद किया गया है। दूसरे दौर में बाकी राज्यों में से एक-एक शहर का चुनाव किया जाएगा। पहले दौर की प्रतिस्पर्धा में भागलपुर 65वें नंबर पर आया जबकि बिहार शरीफ 91 और मुजफ्परपुर 94वें नंबर पर आए।
पिछड़े राज्य ही पीछे छूटे
लेकिन नीतीश का असली एतराज़ यह है कि इस होड़ में पिछड़े राज्य ही पीछे छूट गए। दरअसल नीतीश की नाराजगी इस बात को लेकर है कि स्मार्ट सिटी के चयन के लिए जो मापदंड तय किए गए हैं उन पर खरा उतरना पिछड़े राज्यों के लिए मुश्किल हो रहा है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि शहरी विकास मंत्री इस नए विवाद से आगे कैसे निपटते हैं।
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