मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के ससुर घनश्यामदास मसानी का 88 साल की उम्र में 18 नवंबर को देर रात में निधन हो गया था. शिवराज सिंह ने 22 नवंबर को अपने ट्विटर हैंडल से एक कविता पोस्ट शेयर की. उसमें उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी साधना सिंह (Sadhna Singh) ने अपने पिता के स्मरण को कुछ पंक्तियों में पिरोया है. लेकिन अब ट्विटर पर किसी और ने दावा किया है कि ये कविता उन्होंने अपने पिता के लिए लिखी थी. इसके बाद मुख्यमंत्री को ट्रोल करना शुरू कर दिया गया है.
भोपाल की रहने वाली और पेशे से खुद को लेखिका, एंकर बताने वाली भूमिका बिरथरे (Bhumika Bithare) का दावा है कि यह कविता उनकी रचना है. एनडीटीवी से बातचीत में उन्होंने कहा कि ''मैंने वो लिखा जो मैंने महसूस किया, क्योंकि अपनी पिता की अंतिम यात्रा के दौरान सारी रस्में मैंने निभाई थीं. मैं आई फोन के नोटपैड का उपयोग करती हूं, इसलिए किस्मत से उस कविता की तारीख और समय का उल्लेख मौजूद है. बाद में मैंने उसे अपने परिवार के एक व्हॉट्सऐप ग्रुप और कुछ करीबी दोस्तों के साथ साझा किया था. उस दिन मैं बहुत रोई थी क्योंकि वे शब्द केवल एक कविता ही नहीं थे, मेरी भावना थी.''
भूमिका बिरथरे ने कहा कि ''21 को मैंने कविता को फेसबुक पर पोस्ट किया, भोपाल वापस आने के बाद मेरी दोस्त ने एक स्क्रीनशॉट साझा किया कि माननीय सीएम की पत्नी साधना सिंह ने एक व्हाट्सऐप ग्रुप में कविता साझा की है, जिसका जवाब मैंने एक स्माइली के साथ दिया. लेकिन उसके बाद मुझे पता चला कि मुख्यमंत्री ने भी ट्वीट कर कहा था कि यह कविता उनकी पत्नी ने लिखी है. मुझे इस पर कड़ी आपत्ति है. आप मेरे मामा हैं, मेरे पसंदीदा मुख्यमंत्री हैं, मैं इस सबका राजनीतिकरण नहीं करना चाहती. बस इतना चाहती हूं कि मेरी कविता का क्रेडिट मुझे मिले.''
मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री को टैग करते हुए भूमिका अपनी लड़ाई ट्विटर पर भी लेकर गईं और लिखा ''ये कविता मैंने लिखी है आपकी पत्नी ने नहीं, कृपया मुझे इसका क्रेडिट दें और इसका शीर्षक डैडी और बाबूजी नहीं, कृपया मेरी भावनाओं के साथ खिलवाड़ ना करें.''
भूमिका के इस ट्वीट पर विपक्ष के कई नेताओं ने मुख्यमंत्री को घेरना शुरू कर दिया. पूर्व केन्द्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके अरुण यादव ने ट्वीट में लिखा ''भाजपा नाम बदलने में माहिर है यह बात एक बार फिर उजागर हो गई. पहले कांग्रेस की योजनाओं के नाम बदलते थे, फिर शहरों के नाम बदलने लगे और अब तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी दूसरों की लिखी हुई कविताओं को भी अपनी धर्मपत्नी की लिखी हुई कविता बताने लगे हैं. वाह शिवराज जी वाह.''
इस मुद्दे पर बीजेपी ने आधिकारिक तौर पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं