आईएनएस सिंधुरत्न में हुए हादसे में नौसेना ने सात अधिकारियों को दोषी माना है। इनमें सिंधुरत्न के कमांडिंग ऑफिसर भी शामिल हैं।
इन अधिकारियों को बोर्ड ऑफ इन्कावयरी में दोषी पाया गया है। मामले की जांच में सामने आया कि इन्होंने न केवल अपने काम में लापरवाही बरती बल्कि सही प्रक्रिया का भी पालन नही किया।
आईएनएस सिंधुरत्न पनडुब्बी फरवरी 2014 को हादसा का शिकार हो गया था। इस हादसे में दो अधिकारी कमांडर कपीश मुअल और लेफ्टिनेंट कमांडर मनोरमा कुमार की मौत हो गई थी।
सिंधुरत्न के कमांडिंग ऑफिसर का कोर्ट मार्शल होगा, जबकि बाकी छह अधिकारियों के प्रति नौसेना प्रमुख ने नराजगी जताते हुए उनके प्रमोशन और अवार्ड्स पर दो साल के लिए रोक लगा दी है।
इन अधिकारियों पर कार्रवाई रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के उस फैसले को तहत किया गया है, जिसके अनुसार किसी भी तरह की गलती और लापरवाही को बर्दाश्त नही किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने भी नौसेना के इन दोषी अधिकारियों को दी जाने वाली सजा पर सहमति जता दी है।
इससे पहले एक दूसरी पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक भी बड़े हादसे का शिकार हुई थी, जिसमें 18 नौसैनिक मारे गए थे।
गौरतलब है कि इसी हादसे के बाद नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पूर्व नौसेना प्रमुख एडमिरल डीके जोशी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।
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