सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए दिया है.
नई दिल्ली:
उतराखंड के हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के पास रह रहे 50 हजार लोगों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है. न्यायालय ने यहां मकानों में तोड़फोड़ पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश नैनीताल हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाते हुए दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सारे याचिकाकर्ता 13 फरवरी तक अपनी याचिका हाईकोर्ट के सामने दाखिल करें. इसके बाद हाईकोर्ट इन लोगों का पक्ष सुनकर तीन महीने में अपना फैसला सुनाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने उन लोगों का पक्ष सुने बिना ही तोड़फोड़ करने और रेलवे को जमीन का कब्जा लेने के आदेश दिए. इसके अलावा रेलवे ने जो जमीन खाली करने के नोटिस जारी किए, उनमें नाम नहीं लिखे और ना ही वो लोगों को भेजे गए.
दरअसल, हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को बड़ा झटका देते हल्द्वानी गफुरबस्ती से 10 फरवरी तक पूरा अतिक्रमण हटाने के आदेश पारित करते हुए राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था. जस्टिस राजीव शर्मा व जस्टिस आलोक सिंह ने हल्द्वानी निवासी रविशंकर जोशी की जनहित याचिका पर सुनवाई की थी. कोर्ट ने राजनीतिक दलों से फैसले को लेकर किसी तरह की टीका टिप्पणी न करने का आदेश दिया. साथ ही चुनाव आयोग से बस्ती के प्रभावित मतदाताओं के लिए पोलिंग के लिए और माध्यमिक शिक्षा परिषद से बोर्ड के बच्चों के लिए विशेष इंतजाम करने के आदेश दिए. यह भी कहा कि यदि 10 फरवरी तक अतिक्रमण नहीं हटा तो यह राज्य सरकार की नाकामी मानी जाएगी. ऐसी स्थिति में सरकार फिर रेलवे केंद्रीय बलों की मदद ले सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि सारे याचिकाकर्ता 13 फरवरी तक अपनी याचिका हाईकोर्ट के सामने दाखिल करें. इसके बाद हाईकोर्ट इन लोगों का पक्ष सुनकर तीन महीने में अपना फैसला सुनाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने उन लोगों का पक्ष सुने बिना ही तोड़फोड़ करने और रेलवे को जमीन का कब्जा लेने के आदेश दिए. इसके अलावा रेलवे ने जो जमीन खाली करने के नोटिस जारी किए, उनमें नाम नहीं लिखे और ना ही वो लोगों को भेजे गए.
दरअसल, हाईकोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को बड़ा झटका देते हल्द्वानी गफुरबस्ती से 10 फरवरी तक पूरा अतिक्रमण हटाने के आदेश पारित करते हुए राज्य सरकार की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था. जस्टिस राजीव शर्मा व जस्टिस आलोक सिंह ने हल्द्वानी निवासी रविशंकर जोशी की जनहित याचिका पर सुनवाई की थी. कोर्ट ने राजनीतिक दलों से फैसले को लेकर किसी तरह की टीका टिप्पणी न करने का आदेश दिया. साथ ही चुनाव आयोग से बस्ती के प्रभावित मतदाताओं के लिए पोलिंग के लिए और माध्यमिक शिक्षा परिषद से बोर्ड के बच्चों के लिए विशेष इंतजाम करने के आदेश दिए. यह भी कहा कि यदि 10 फरवरी तक अतिक्रमण नहीं हटा तो यह राज्य सरकार की नाकामी मानी जाएगी. ऐसी स्थिति में सरकार फिर रेलवे केंद्रीय बलों की मदद ले सकता है.
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