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This Article is From Jan 05, 2017

आदिवासियों को मुआवज़ा ना देने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मध्य प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार

आदिवासियों को मुआवज़ा ना देने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मध्य प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार
नई दिल्ली: मुख्य न्यायाधीश जे एस खेहर ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की आदिवासियों को मुआवज़ा न देने की मनमानी कारवाई कल्पना से परे है. कोर्ट ने कहा कि सरकार आदिवासियों के जीवन के साथ खिलवाड़ न करे. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आदिवासियों को मुआवजा देने के हाईकोर्ट के आदेश को बड़ी अदालत में चुनौती देने पर राज्य सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आदिवासियों के साथ जानवर का सा बर्ताव नहीं किया जा सकता.

दरअसल मध्य प्रदेश सरकार ने खरगौन जिले के खारक बांध के निर्माण के लिए 275 आदिवासी परिवारों की जमीन ले ली थी. पिछले साल हाईकोर्ट ने सरकार को 50 हजार रुपये प्रति परिवार मुआवजा देने के आदेश दिए थे. इस आदेश के खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी. इस अपील को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.

सुप्रीम कोर्ट ने आदिवासियों को जमीन के बदले में वर्तमान दर के हिसाब से मुआवजा देने के लिए रिटायर्ड जिला जज की अध्यक्षता में तीन शिकायत निवारण प्राधिकरण (GRA) का गठन किया. कोर्ट ने तीन महीने के भीतर सरकार को मुआवजा देने का निर्देश दिआ है, साथ ही साफ किया है कि 50 हज़ार की रकम से अलग होगा मुआवज़ा.

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