नई दिल्ली:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व राष्ट्रीय संगठन महामंत्री संजय जोशी को फिर से जान से मारने की धमकी मिली है। इस धमकी के मद्देनजर उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदम्बरम को पत्र लिखा है और उनसे आग्रह किया है कि धमकी देने वालों का पता लगाकर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
जोशी को भेजे गए धमकी भरे पत्र में कहा गया है, अब तुम्हारी हरकतें काफी बढ़ गई हैं। जिससे 'एम' को तकलीफ हो रही है। अब तुम पूछोगे कि हम कौन हैं, तो बता दें कि 'एम' तुम्हारी संस्था आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के बाप हैं। तुम जिस तरीके से हमारे बॉस के आगे रोड़ा अटका रहे हो वह ठीक नहीं है। ज्यादा बदमाशी करोगे तो बेमौत मारे जाओगे।- तुम्हारा बाप।"
जोशी ने चिदम्बरम को जो पत्र लिखा है उसके मुताबिक उन्हें तीन अलग-अलग नम्बरों से तीन बार जान से मारने की धमकी दी गई। मोबाइल नम्बर 07925626376 से उन्हें चार जून 2012 को 3.23 बजे शाम को, मोबाइल नम्बर 08347990115 से तीन जून की रात 8.55 बजे और मोबाइल नम्बर 07925625532 से तीन जून की ही रात 9.03 बजे धमकी भरे फोन आए।
जोशी ने पत्र में लिखा है, मेरे काम की प्रकृति और मेरी जिम्मेदारी के अनुरूप मुझे देशभर का दौरा करना पड़ता है और यह सच्चाई कई लोगों को पता है। मुझे मेरी जान को गम्भीर खतरा महसूस हो रहा है। मैं खुद को दिल्ली में कुछ महफूज महसूस करता हूं क्योंकि मुझे यहां एक सुरक्षाकर्मी दिया गया है। लेकिन मैं सिर्फ दिल्ली में बैठकर अपने काम को अंजाम नहीं दे सकता। मैं चाहता हूं कि इन लोगों का पता लगाया जाए और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
ज्ञात हो कि इससे पहले भी अज्ञात नम्बरों से लगातार जोशी के पास फोन और पत्र आए थे, जिसके बाद गृह मंत्रालय का खुफिया ब्यूरो इन धमकियों की तह तक जाने में जुट गया लेकिन उसे कोई खास कामयाबी नहीं मिली।
संजय जोशी को फोन पर धमकियां मिलनी तभी शुरू हुईं, जब उन्हें उत्तर प्रदेश में भाजपा चुनाव का प्रमुख बनाया गया। जोशी को पहले गत अक्टूबर में फोन पर धमकियां मिलनी शुरू हुईं। धमकियों में उन्हें सक्रिय राजनीति और खासतौर से उत्तर प्रदेश में टिकट वितरण और रणनीति से दूर रहने को कहा गया।
बाद में जोशी के नार्थ एवेन्यू स्थित निवास पर आधा दर्जन धमकी भरे पत्र भी आए। गत पांच नवम्बर को इसकी शिकायत दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से की गई। फिर भी पत्र और फोन कॉल आने बंद नहीं हुए। इसके बाद 17 नवम्बर को दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त के पास भी शिकायत की गई।
जोशी की तरफ से गृह राज्य मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को भी पूरे दस्तावेजों के साथ पत्र भेजा गया था। इसके बाद अब जबकि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के साथ-साथ शहरी निकायों के परिणाम सामने आ गए हैं, उन्हें फिर से धमकियां मिलने लगी हैं।
उल्लेखनीय है कि संजय जोशी को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में पहले तो राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर किया गया और फिर पार्टी की ओर से कहा गया कि उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इससे इतर जोशी का कहना रहा है कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों से इस्तीफा दिया है, न कि पार्टी से। उन्होंने चिदम्बरम को जो पत्र लिखा है, उसे भी भाजपा के लेटरहेड पर पूर्व संगठन महामंत्री और पूर्व कार्यकारिणी सदस्य की हैसियत से लिखा है।
जोशी को भेजे गए धमकी भरे पत्र में कहा गया है, अब तुम्हारी हरकतें काफी बढ़ गई हैं। जिससे 'एम' को तकलीफ हो रही है। अब तुम पूछोगे कि हम कौन हैं, तो बता दें कि 'एम' तुम्हारी संस्था आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) के बाप हैं। तुम जिस तरीके से हमारे बॉस के आगे रोड़ा अटका रहे हो वह ठीक नहीं है। ज्यादा बदमाशी करोगे तो बेमौत मारे जाओगे।- तुम्हारा बाप।"
जोशी ने चिदम्बरम को जो पत्र लिखा है उसके मुताबिक उन्हें तीन अलग-अलग नम्बरों से तीन बार जान से मारने की धमकी दी गई। मोबाइल नम्बर 07925626376 से उन्हें चार जून 2012 को 3.23 बजे शाम को, मोबाइल नम्बर 08347990115 से तीन जून की रात 8.55 बजे और मोबाइल नम्बर 07925625532 से तीन जून की ही रात 9.03 बजे धमकी भरे फोन आए।
जोशी ने पत्र में लिखा है, मेरे काम की प्रकृति और मेरी जिम्मेदारी के अनुरूप मुझे देशभर का दौरा करना पड़ता है और यह सच्चाई कई लोगों को पता है। मुझे मेरी जान को गम्भीर खतरा महसूस हो रहा है। मैं खुद को दिल्ली में कुछ महफूज महसूस करता हूं क्योंकि मुझे यहां एक सुरक्षाकर्मी दिया गया है। लेकिन मैं सिर्फ दिल्ली में बैठकर अपने काम को अंजाम नहीं दे सकता। मैं चाहता हूं कि इन लोगों का पता लगाया जाए और उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए।
ज्ञात हो कि इससे पहले भी अज्ञात नम्बरों से लगातार जोशी के पास फोन और पत्र आए थे, जिसके बाद गृह मंत्रालय का खुफिया ब्यूरो इन धमकियों की तह तक जाने में जुट गया लेकिन उसे कोई खास कामयाबी नहीं मिली।
संजय जोशी को फोन पर धमकियां मिलनी तभी शुरू हुईं, जब उन्हें उत्तर प्रदेश में भाजपा चुनाव का प्रमुख बनाया गया। जोशी को पहले गत अक्टूबर में फोन पर धमकियां मिलनी शुरू हुईं। धमकियों में उन्हें सक्रिय राजनीति और खासतौर से उत्तर प्रदेश में टिकट वितरण और रणनीति से दूर रहने को कहा गया।
बाद में जोशी के नार्थ एवेन्यू स्थित निवास पर आधा दर्जन धमकी भरे पत्र भी आए। गत पांच नवम्बर को इसकी शिकायत दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से की गई। फिर भी पत्र और फोन कॉल आने बंद नहीं हुए। इसके बाद 17 नवम्बर को दिल्ली पुलिस के विशेष आयुक्त के पास भी शिकायत की गई।
जोशी की तरफ से गृह राज्य मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को भी पूरे दस्तावेजों के साथ पत्र भेजा गया था। इसके बाद अब जबकि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के साथ-साथ शहरी निकायों के परिणाम सामने आ गए हैं, उन्हें फिर से धमकियां मिलने लगी हैं।
उल्लेखनीय है कि संजय जोशी को गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव में पहले तो राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर किया गया और फिर पार्टी की ओर से कहा गया कि उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इससे इतर जोशी का कहना रहा है कि उन्होंने अपनी जिम्मेदारियों से इस्तीफा दिया है, न कि पार्टी से। उन्होंने चिदम्बरम को जो पत्र लिखा है, उसे भी भाजपा के लेटरहेड पर पूर्व संगठन महामंत्री और पूर्व कार्यकारिणी सदस्य की हैसियत से लिखा है।
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