संजय लील भंसाली (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
पद्मावती फिल्म को लेकर जारी विवाद के बीच निर्देशक संजय लीला भंसाली और सेंसर बोर्ड के प्रमुख प्रसून जोशी संसदीय पैनल के सामने पेश होंगे. पैनल चाहता है कि विवाद को लेकर निर्देशक का पक्ष भी सुना जाए. पद्मावती फिल्म की रिलीज से पहले ही करणी सेना इसका विरोध कर रही है. इसे लेकर कई शहरों में प्रदर्शन भी हुए हैं.
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सूचना एवं प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति ने इस मुद्दे पर गौर किया है और भंसाली, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और सेंसर बोर्ड के अधिकारियों को आमंत्रित किया है ताकि वे अपना पक्ष रख सकें. संसदीय समिति के प्रमुख अनुराग ठाकुर ने बताया था कि समिति ने भंसाली को आमंत्रित किया ताकि इस विवाद पर उनकी राय जानी जा सके.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों की ओर से फिल्म पर की गई टिप्पणियों पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि उनकी टिप्पणियां पहले से ही फैसला करने वाली लगती हैं जबकि सेंसर बोर्ड ने अब तक फिल्म को प्रमाणित नहीं किया है.
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प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि जब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के समक्ष विचार के लिए कोई मामला लंबित है तो सार्वजनिक पदों पर बैठे लोग यह टिप्पणी कैसे कर सकते हैं कि सीबीएफसी को प्रमाण-पत्र जारी करना चाहिए कि नहीं. इससे सीबीएफसी का फैसला पूर्वाग्रह से प्रभावित होगा. पीठ ने सीबीएफसी से कहा कि वह ‘‘पूरी वस्तुनिष्ठता’’ के साथ फैसले के प्रमाणीकरण पर फैसला करे.
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राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात की भाजपा सरकारों ने या तो फिल्म पर पाबंदी लगाने या फिल्म से ‘‘आपत्तिजनक चीजें’’ हटाने की मांग रखी है. वहीं फिल्म उद्योग में ‘पद्मावती’ को समर्थन मिलना है. कोलकाता में बंगाली फिल्म उद्योग ने फिल्मकारों के समर्थन में 15 मिनट का ‘‘ब्लैकआउट’’ भी किया था.
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सूचना एवं प्रौद्योगिकी पर संसदीय समिति ने इस मुद्दे पर गौर किया है और भंसाली, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय और सेंसर बोर्ड के अधिकारियों को आमंत्रित किया है ताकि वे अपना पक्ष रख सकें. संसदीय समिति के प्रमुख अनुराग ठाकुर ने बताया था कि समिति ने भंसाली को आमंत्रित किया ताकि इस विवाद पर उनकी राय जानी जा सके.
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों की ओर से फिल्म पर की गई टिप्पणियों पर आपत्ति जताई थी और कहा था कि उनकी टिप्पणियां पहले से ही फैसला करने वाली लगती हैं जबकि सेंसर बोर्ड ने अब तक फिल्म को प्रमाणित नहीं किया है.
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