विवादों में घिरे रहे वरिष्ठ आईपीएस राकेश अस्थाना (Rakesh Asthana) को दिल्ली पुलिस कमिश्नर (Delhi Police Commissioner) बनाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. वकील एमएल शर्मा ने इस संबंध में याचिका दाखिल की है.याचिका में राकेश अस्थाना की नियुक्ति रद्द करने की मांग की गई है. शर्मा ने इस मामले में पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह और गृह मंत्रालय के अफसरों के खिलाफ अवमानना कार्यवाही की मांग की है. इस याचिका में कहा गया है कि अस्थाना को रिटायर होने से चार दिन पहले दिल्ली पुलिस कमिश्नर नियुक्त करना सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है.
गौरतलब है कि राकेश अस्थाना को रिटायरमेंट से चंद दिन पहले दिल्ली का पुलिस आयुक्त नियुक्त किए जाने के मामले में सियासत भी गर्मा गई है. दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) में गुरुवार को अस्थाना की दिल्ली के पुलिस कमिश्नर के तौर पर नियुक्ति के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया है और गृह मंत्रालय से नियुक्ति वापस लेने को कहा है.
राकेश अस्थाना का सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर के तौर पर कार्यकाल विवादों से घिरा रहा था, उन्हें 2018 में सीबीआई से हटा दिया गया था. इसके बाद उन्हें बीएसफ का प्रमुख बनाया गया था. 1984 बैच के IPS अधिकारी राकेश अस्थाना BSF के DG के साथ ही और NCB चीफ रहे हैं. सीबीआई में स्पेशल डायरेक्टर रहने के दौरान तत्कालीन सीबीआई प्रमुख आलोक वर्मा के साथ उनका विवाद काफी सुर्खियों में रहा था. साल 2017 में आलोक वर्मा ने अस्थाना की बतौर स्पेशल डायरेक्टर नियुक्ति का विरोध किया था.
अस्थाना को पीएम नरेंद्र मोदी का काफी करीबी माना जाता है. दिल्ली पुलिस में बाहर के कैडर के आईपीएस को पुलिस कमिश्नर बनाने से हड़कंप मचा है. एसएस जोग और अजयराज शर्मा के बाद अस्थाना तीसरे पुलिस कमिश्नर हैं जो बाहर के कैडर से हैं. बालाजी श्रीवास्तव को कमिश्नर का अतिरिक्त चार्ज दिए जाने के एक महीने के भीतर यह फैसला हुआ था.
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