स्वयंभू साध्वी राधे मां की फाइल फोटो
मुंबई:
दहेज प्रताड़ना के एक मामले में सत्र अदालत ने स्वयंभू राधे मां की अग्रिम जमानत याचिका रद्द कर दी। मुंबई पुलिस ने पांच अगस्त को राधे मां के खिलाफ 32 साल की एक महिला के ससुराल वालों को दहेज के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था।
सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां ने गुरुवार को अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। राधे मां ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि उन्होंने कभी भी परिवार के सदस्यों को नहीं उकसाया। उन्हें इस मामले में इसलिए घसीटा जा रहा है, क्योंकि शिकायतकर्ता के ससुराल पक्ष वाले उनके भक्त हैं।
राधे मां की याचिका में कहा गया है कि कुटुंब अदालत से अनुकूल आदेश नहीं मिलने के कारण ही शिकायतकर्ता अपनी कुंठा और निराशा में उन पर यह आरोप लगा रही है।
उनके वकील अशोक गुप्ते ने कहा कि उनकी मुवक्किल को फंसाया जा रहा है। पुलिस ने उनसे कल पूछताछ करने के लिए समन भेजा है, लेकिन उन्हें गिरफ्तार होने का डर है।
शिकायतकर्ता के वकील सनी वास्कर ने कहा कि राधे मां एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उन्होंने परिवार वालों को उकसाया है। जब से उनकी मुवक्किल ने शिकायत दर्ज कराई है तब से उन्हें धमकी भरे फोन आ रहे हैं।
वास्कर ने आरोप लगाया कि उनके परिवार में राधे मां निर्णय निर्माता हैं, यहां तक कि शिकायतकर्ता उनकी अनुमति के बिना कहीं जा भी नहीं सकती। वास्कर ने कहा, 'उन (शिकायतकर्ता) पर घर में राधे मां के लिए काम करने का दबाव डाला जाता था और इनकार करने पर उनकी पिटाई की जाती।' मामले में सरकारी वकील ने कहा कि पुलिस ने राधे मां को केवल पूछताछ के लिए समन भेजा है और अगर उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो उन्हें गिरफ्तारी का डर नहीं होना चाहिए।
इस संबंध में दहेज निषेध कानून और भारतीय दंड संहिता की संगत धाराओं के तहत राधे मां समेत सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां ने गुरुवार को अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की थी। राधे मां ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि उन्होंने कभी भी परिवार के सदस्यों को नहीं उकसाया। उन्हें इस मामले में इसलिए घसीटा जा रहा है, क्योंकि शिकायतकर्ता के ससुराल पक्ष वाले उनके भक्त हैं।
राधे मां की याचिका में कहा गया है कि कुटुंब अदालत से अनुकूल आदेश नहीं मिलने के कारण ही शिकायतकर्ता अपनी कुंठा और निराशा में उन पर यह आरोप लगा रही है।
उनके वकील अशोक गुप्ते ने कहा कि उनकी मुवक्किल को फंसाया जा रहा है। पुलिस ने उनसे कल पूछताछ करने के लिए समन भेजा है, लेकिन उन्हें गिरफ्तार होने का डर है।
शिकायतकर्ता के वकील सनी वास्कर ने कहा कि राधे मां एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और उन्होंने परिवार वालों को उकसाया है। जब से उनकी मुवक्किल ने शिकायत दर्ज कराई है तब से उन्हें धमकी भरे फोन आ रहे हैं।
वास्कर ने आरोप लगाया कि उनके परिवार में राधे मां निर्णय निर्माता हैं, यहां तक कि शिकायतकर्ता उनकी अनुमति के बिना कहीं जा भी नहीं सकती। वास्कर ने कहा, 'उन (शिकायतकर्ता) पर घर में राधे मां के लिए काम करने का दबाव डाला जाता था और इनकार करने पर उनकी पिटाई की जाती।' मामले में सरकारी वकील ने कहा कि पुलिस ने राधे मां को केवल पूछताछ के लिए समन भेजा है और अगर उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है तो उन्हें गिरफ्तारी का डर नहीं होना चाहिए।
इस संबंध में दहेज निषेध कानून और भारतीय दंड संहिता की संगत धाराओं के तहत राधे मां समेत सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
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