बेंगलुरु:
दिल्ली सरकार दो स्थानीय निकायों को 551 करोड़ रुपये का कर्जा देगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को यह ऐलान करते हुए आरोप लगाया कि निगम कर्मचारियों की मौजूदा हड़ताल के जरिये दिल्ली में राष्ट्रपति शासन थोपने के लिए आधार तैयार किए जा रहे हैं।
केजरीवाल ने कहा कि 551 करोड़ रुपये के कर्ज के अलावा दिल्ली सरकार उत्तरी दिल्ली नगर निगम के लिए 142 करोड़ रुपये भी जारी कर रही है। बेंगलुरु में अपनी प्राकृतिक चिकित्सा कराने गए केजरीवाल ने कहा बीजेपी के शासन वाले नगर निगमों में भारी घोटाले हुए हैं। उन्होंने इनकी सीबीआई जांच की मांग की।
नगर निगमों में भारी घोटाले हुए
मुख्यमंत्री ने कहा, ऐसा दिखाने की कोशिश की जा रही है जैसे दिल्ली नगर निगमों में वित्तीय संकट के लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार है। हालांकि निगमों पर पिछले 10 साल से बीजेपी काबिज है। नगर निगमों में भारी घोटाले हुए हैं। निगम कर्मचारियों की हड़ताल के जरिये ऐसी स्थिति पैदा कर दी गई है, जैसे दिल्ली में संकट है।
एमसीडी को भंग कर ताजा चुनाव कराए जाएं
उन्होंने कहा, मोदी सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति है। किसी ने मुझे बताया कि ऐसी हालत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं जिससे दिल्ली में भी अरुणाचल प्रदेश की तरह राष्ट्रपति शासन लागू हो जाए। अगले वर्ष के निगम चुनाव जीतने का विश्वास व्यक्त करते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली नगर निगमों में हालत यह है कि उन्हें भंग करके ताजा चुनाव कराए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगमों के कर्मचारियों के 19 संगठनों के संयुक्त मोर्चे ने नगर निकायों को भंग करके उन्हें दिल्ली सरकार के अधीन लाने का आह्वान किया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल की कही प्रमुख बातें
केजरीवाल ने कहा कि 551 करोड़ रुपये के कर्ज के अलावा दिल्ली सरकार उत्तरी दिल्ली नगर निगम के लिए 142 करोड़ रुपये भी जारी कर रही है। बेंगलुरु में अपनी प्राकृतिक चिकित्सा कराने गए केजरीवाल ने कहा बीजेपी के शासन वाले नगर निगमों में भारी घोटाले हुए हैं। उन्होंने इनकी सीबीआई जांच की मांग की।
नगर निगमों में भारी घोटाले हुए
मुख्यमंत्री ने कहा, ऐसा दिखाने की कोशिश की जा रही है जैसे दिल्ली नगर निगमों में वित्तीय संकट के लिए दिल्ली सरकार जिम्मेदार है। हालांकि निगमों पर पिछले 10 साल से बीजेपी काबिज है। नगर निगमों में भारी घोटाले हुए हैं। निगम कर्मचारियों की हड़ताल के जरिये ऐसी स्थिति पैदा कर दी गई है, जैसे दिल्ली में संकट है।
एमसीडी को भंग कर ताजा चुनाव कराए जाएं
उन्होंने कहा, मोदी सरकार की तानाशाही प्रवृत्ति है। किसी ने मुझे बताया कि ऐसी हालत पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं जिससे दिल्ली में भी अरुणाचल प्रदेश की तरह राष्ट्रपति शासन लागू हो जाए। अगले वर्ष के निगम चुनाव जीतने का विश्वास व्यक्त करते हुए केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली नगर निगमों में हालत यह है कि उन्हें भंग करके ताजा चुनाव कराए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली नगर निगमों के कर्मचारियों के 19 संगठनों के संयुक्त मोर्चे ने नगर निकायों को भंग करके उन्हें दिल्ली सरकार के अधीन लाने का आह्वान किया है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में केजरीवाल की कही प्रमुख बातें
- दिल्ली में एमसीडी में ताला लग गया है।
- एमसीडी के कर्मचारियों को सैलरी नहीं मिली है।
- दिल्ली में एमसीडी के स्कूल, हॉस्पिटल बंद हैं।
- जल बोर्ड ने कूड़ा हटाने की कोशिश की।
- कर्मचारियों को तनख्वाह नहीं मिलेगी तो खर्चा कैसे चलेगा।
- कर्मियों को कई-कई महीने से वेतन नहीं मिला।
- ऐसी बातें फैलाई जा रही हैं, जैसे दिल्ली सरकार ने वेतन नहीं दिया हो।
- MCD को दिल्ली सरकार की तरफ से कोई रकम देना बकाया नहीं।
- 2012-13 में NDMC को 526 करोड़ मिले, 2013-14 में 556 करोड़, और 2014-15 में 545 करोड़ मिले।
- 2015-16 में NDMC को 893 करोड़ रुपये मिले, कहां गया सारा पैसा...?
- दिल्ली में बीजेपी-शासित स्थानीय निकाय कर रहे हैं पैसों की चोरी।
- हमने एक पैसा लोन की रिकवरी नहीं की।
- जो पैसा दे रहे हैं वो पैसा कहां गया?
- हमने एमसीडी के अकाउंट को देखने के लिए डिविजनल कमिश्नर को अकाउंट की जांच के लिए भेजा, लेकिन उन्होंने कहा हम दिल्ली सरकार को अकाउंट नहीं दिखा सकते हैं।
- हाउस टैक्स का पैसा कहां गया।
- पार्किंग का पैसा कहां गया।
- टोलटैक्स का पैसा कहां गया।
- एमसीडी को क्यों जांच से डर लग रहा है? (इनपुट भाषा से)
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