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This Article is From Feb 09, 2016

जंतर-मंतर पर धरना : बुंदेलखंड को अकाल से बचाने के लिए जिम्मेदारी निभाए सरकार

जंतर-मंतर पर धरना : बुंदेलखंड को अकाल से बचाने के लिए जिम्मेदारी निभाए सरकार
जंतर मंतर पर आंदोलनकारियों को संबोधित करते हुए रघु ठाकुर।
नई दिल्ली: बुंदेलखंड सर्वदलीय नागरिक संघर्ष मोर्चा की ओर से सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर बुंदेलखंड का समस्याओं को लेकर धरना दिया गया। यह आंदोलन मोर्चा के संरक्षक और वरिष्ठ समाजवादी नेता रघु ठाकुर के नेतृत्व में दिया गया। इस मौके पर रघु ठाकुर ने बुंदेलखंड में व्याप्त विकराल जलसंकट की समस्या का उल्लेख करते हुए की बुंदेलखंड को अकाल मुक्त बनाना है तो इस क्षेत्र को पानी की समस्या से निजात दिलानी होगी।

लाखों हेक्टेयर भूमि पर फसल नहीं
रघु ठाकुर ने NDTV इंडिया से कहा कि बुंदेलखंड में पानी न होने से अकाल के हालात बन चुके हैं। पानी न होने से खेती चौपट हो गई है और किसान आत्महत्या करने लगे हैं। खेती-बाड़ी न होने से मजदूरों को रोजगार नहीं है जिससे उनका पलायन हो रहा है। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड को अकाल मुक्त बनाना होगा, तभी इस अंचल का विकास हो सकेगा और किसानों की आत्महत्या बंद होंगी। बुन्देलखंड के गांवों में पीने के लिए भी पानी नहीं है, सिंचाई के लिए पानी तो बहुत दूर की बात हो गई। इस अंचल की लाखों हेक्टेयर भूमि में फसलें नहीं बोई गई हैं। उन्होंने बताया कि मोर्चा कई वर्षों से मांग कर रहा है कि बुंदेलखंड सिंचाई विकास निगम बनाया जाए जिसकी आधी राशि केन्द्र सरकार और शेष राशि राज्य सरकारें वहन करें।

बीना नदी सिंचाई परियोजना शुरू की जाए
बुंदेलखंड सर्वदलीय नागरिक संघर्ष मोर्चा के इस एक दिवसीय आंदोलन में मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के नागरिक धरने पर बैठे। ठाकुर ने कहा कि बुंदेलखंड के सागर में लंबित बीना नदी सिंचाई परियोजना शुरू करने की तारीख का ऐलान केन्द्रीय मंत्री सुश्री उमा भारती को करना चाहिए। यह परियोजना उस अंचल के किसानों के लिए जीवन दायनी होगी और इससे हजारों एकड़ भूमि सिंचित हो सकेगी।

रेल सुविधाओं में बुंदेलखंड उपेक्षित
ठाकुर ने कहा कि रेल सुविधाओं के मामले में बुंदेलखंड अभी भी बहुत पिछड़ा हुआ है। हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि पिछले दिनों इस अंचल में हुए रेल सर्वेक्षणों खजुराहो-छतरपुर-सागर, ललितपुर-मालथौन-सागर-देवरी-करेली- छिंदवाड़ा, ललितपुर-सागर-उदयपुरा-जबलपुर के रेल लाइन निर्माण के लिए आवश्यक धनराशि शीघ्र उपलब्ध कराई जाए, ताकि निर्माण शुरू हो सके। उन्होंने कहा बुंदेलखंड के दमोह-सागर को दक्षिण भारत से जोड़ने के लिए नई रेलगाड़ी चलाने का ऐलान इसी बजट में होना चाहिए। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड के महान सपूतों डॉ हरीसिंह गौर एवं मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न दिया जाए।

विकास में क्षेत्रों के बीच असंतुलन आक्रोश का कारण
इस मौके पर वरिष्ठ पत्रकार रामशरण जोशी ने कहा कि सरकार को विकास में किए जा रहे क्षेत्रीय भेदभाव को मिटाकर बुंदेलखंड की समस्याओं की ओर ध्यान देना चाहिए। बिहार के सांसद अरुण कुमार ने धरने को संबोधित करते हुए रेल यात्रायात को सबसे सस्ता और बहुसंख्यक गरीब जनता की सुविधा का साधन बताया। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में केवल रेल मार्गों का जाल बिछा दिया जाए तो इस क्षेत्र का विकास अपने आप हो जाएगा। राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के अध्यक्ष पूर्व सांसद पीएल पूनिया ने अपने वक्तव्य में बुंदेलखंड के लोगों के संघर्ष की सराहना की और कहा कि इस न्यायपूर्ण लड़ाई में वे आंदोलनकारियों के साथ हैं। वरिष्ठ पत्रकार रामबहादुर राय ने कहा कि विकास का क्षेत्रीय असंतुलन जनता में आक्रोश पैदा करता है, जो सत्याग्रह और अहिंसा के मार्ग को छोड़कर न्याय पाने के लिए अन्य मार्गों की ओर आकर्षित होते हैं। शासन को बुंदेलखंड के लोगों की न्यायिक मांगों को पूरा करना चाहिए।

पूर्व विधायक सुनील जैन ने कहा कि ललितपुर-सागर-देवरी-छिंदवाड़ा रेल लाइन के निर्माण से इस अंचल के विकास के द्वार खुलेंगे साथी ही लाखों लोग रेल से जुड़ सकेंगे। लोसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंभूदयाल बघेल ने कहा कि बांदा, महोबा, उरई, जालोन, भिंड रेल लाइन शीघ्र शुरू की जाए।

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