फाइल फोटो
श्रीनगर:
जम्मू कश्मीर में एक कथित प्रदर्शनकारी को सेना द्वारा जीप के आगे बांधकर मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल किए जाने के मामले में जम्मू कश्मीर पुलिस ने सेना के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है. गौरतलब है कि श्रीनगर संसदीय क्षेत्र में 9 अप्रैल को उपचुनाव हुए थे और उसी दिन से कई वीडियो सोशल मीडिया पर देखे जा रहे हैं. सेना ने कहा था कि वीडियो की जांच की जा रही है जिसमें एक युवक को पथराव के खिलाफ सेना की एक जीप पर मानव ढाल के तौर पर बांधा दिखाया गया है.
सूत्रों ने बताया था कि अगर उस व्यक्ति को ढाल की तरह नहीं खड़ा किया जाता तो 400 लोगों की भीड़ पोलिंग अधिकारियों पर हमला कर देती. सूत्रों के मुताबिक यह वीडियो तब बनाया गया जब पोलिंग अधिकारियों का एक समूह मतदान केंद्र से बच निकलने की कोशिश कर रहा था और उनका सामना पत्थरबाजों से हो गया. समूह की मदद के लिए सेना की एक टीम को बुलाया गया लेकिन तब तक भीड़ बढ़ चुकी थी और 15 जवानों की सेना की टुकड़ी के आगे बहुत बड़ी हो चुकी थी. सूत्र की मानें तो अगर उस वक्त गोलीबारी की जाती तो भीड़ का गुस्सा सेना पर फूट पड़ता. इसलिए खुद को बचाने के लिए कंपनी कमांडर ने एक प्रदर्शनकारी को पकड़ा और उसे जीप से बांध दिया. इसके बाद सेना और पोलिंग अधिकारी सुरक्षित तरीके से उस इलाके से बाहर निकल गए और अपने साथ लाए गए प्रदर्शनकारी को पुलिस के हवाले कर दिया गया.
बीते दिनों तीन वीडियो वायरल हुए हैं जिन्हें श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए हुए मतदान के दिन का बताया जा रहा है. एक वीडियो को बडगाम जिले का बताया जा रहा है जिसमें प्रदर्शनकारी सीआरपीएफ के एक जवान पर हमला करते हुए दिख रहे हैं. दूसरा वीडियो मतदान केंद्र के बाहर का बताया जा रहा है जहां सुरक्षाकर्मी पथराव करने वाले एक प्रदर्शनकारी को बेहद नजदीक से गोली मारते हुए देखे जा रहे हैं. एक अन्य वीडियो बीरवाह क्षेत्र का बताया जा रहा है जहां सेना के जवानों ने एक युवक को पथराव करने वालों के खिलाफ मानव ढाल बनाने के लिए उसे एक जीप के आगे बांध दिया.
सेना की जीप में बंधे दिख रहे व्यक्ति की पहचान फारूक डार के रूप में हुई थी जबकि इसमें शामिल सैन्य इकाई की पहचान 53 राष्ट्रीय राइफल्स के रूप में हुई थी. मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के निर्देश पर मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया था कि डार मध्य कश्मीर के बडगाम जिलांतर्गत खाग तहसील के सीताहरण गांव का निवासी है.
(इनपुट भाषा से...)
सूत्रों ने बताया था कि अगर उस व्यक्ति को ढाल की तरह नहीं खड़ा किया जाता तो 400 लोगों की भीड़ पोलिंग अधिकारियों पर हमला कर देती. सूत्रों के मुताबिक यह वीडियो तब बनाया गया जब पोलिंग अधिकारियों का एक समूह मतदान केंद्र से बच निकलने की कोशिश कर रहा था और उनका सामना पत्थरबाजों से हो गया. समूह की मदद के लिए सेना की एक टीम को बुलाया गया लेकिन तब तक भीड़ बढ़ चुकी थी और 15 जवानों की सेना की टुकड़ी के आगे बहुत बड़ी हो चुकी थी. सूत्र की मानें तो अगर उस वक्त गोलीबारी की जाती तो भीड़ का गुस्सा सेना पर फूट पड़ता. इसलिए खुद को बचाने के लिए कंपनी कमांडर ने एक प्रदर्शनकारी को पकड़ा और उसे जीप से बांध दिया. इसके बाद सेना और पोलिंग अधिकारी सुरक्षित तरीके से उस इलाके से बाहर निकल गए और अपने साथ लाए गए प्रदर्शनकारी को पुलिस के हवाले कर दिया गया.
बीते दिनों तीन वीडियो वायरल हुए हैं जिन्हें श्रीनगर लोकसभा सीट के लिए हुए मतदान के दिन का बताया जा रहा है. एक वीडियो को बडगाम जिले का बताया जा रहा है जिसमें प्रदर्शनकारी सीआरपीएफ के एक जवान पर हमला करते हुए दिख रहे हैं. दूसरा वीडियो मतदान केंद्र के बाहर का बताया जा रहा है जहां सुरक्षाकर्मी पथराव करने वाले एक प्रदर्शनकारी को बेहद नजदीक से गोली मारते हुए देखे जा रहे हैं. एक अन्य वीडियो बीरवाह क्षेत्र का बताया जा रहा है जहां सेना के जवानों ने एक युवक को पथराव करने वालों के खिलाफ मानव ढाल बनाने के लिए उसे एक जीप के आगे बांध दिया.
सेना की जीप में बंधे दिख रहे व्यक्ति की पहचान फारूक डार के रूप में हुई थी जबकि इसमें शामिल सैन्य इकाई की पहचान 53 राष्ट्रीय राइफल्स के रूप में हुई थी. मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के निर्देश पर मामले की जांच कर रहे अधिकारियों ने बताया था कि डार मध्य कश्मीर के बडगाम जिलांतर्गत खाग तहसील के सीताहरण गांव का निवासी है.
(इनपुट भाषा से...)
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