नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सुबह ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को उनके जन्मदिन पर बधाई देते हुए उनके दीर्घायु होने तथा अच्छे स्वास्थ्य की कामना की, जबकि दूसरी ओर केंद्र की बीजेपी-नीत नरेंद्र मोदी सरकार नेशनल हेराल्ड केस में फूंक-फूंककर कदम रख रही है।
प्रधानमंत्री ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा, "कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को उनके जन्मदिन पर अभिवादन... परमात्मा करे, वह स्वस्थ रहें, तथा वह दीर्घायु हों..." इसके अलावा संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने भी सोनिया को फोन कर उनके जन्म की 69वीं वर्षगांठ पर उन्हें शुभकामनाएं दीं।
गौरतलब है कि सोनिया गांधी को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं देने वाली सरकार दूसरी ओर आजकल यह जताने की पुरजोर कोशिश कर रही है कि नेशनल हेराल्ड से जुड़े उस मामले से उसका (सरकार का) कोई लेना-देना नहीं है, जिसमें सोनिया और उनके पुत्र राहुल गांधी को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए हैं, क्योंकि उन पर अख़बार से जुड़ी 5,000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर गैरकानूनी तरीके से कब्ज़ा करने के आरोप हैं। कांग्रेस नेताओं पर इस मामले में आरोप लगाने वाली यह याचिका दरअसल बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने दायर की है।
बुधवार को सरकार द्वारा दी गई शुभकामनाओं को उस पुल को जोड़ने की कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है, जो मंगलवार को संसद में उस वक्त टूट गया था, जब इसी नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर गुस्साई कांग्रेस ने दोनों सदनों में सारे कामकाज को ठप कर दिया था। कांग्रेस का कहना था कि सत्तापक्ष का एक सदस्य उनके नेताओं को 'परेशान' कर रहा है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे 'राजनैतिक बदला' करार दिया था, और आमतौर पर शांत रहने वाली सोनिया गांधी ने कहा था, "मैं इंदिरा गांधी की बहू (पुत्रवधू) हूं... और मैं किसी से या किसी भी चीज़ से नहीं डरती..."
बीजेपी ने बेहद सावधानी से काम लेते हुए सुब्रह्मण्यम स्वामी से दूरी बना ली है, और कहा है कि पार्टी के देशभर में 10 करोड़ से ज़्यादा सदस्य हैं, तथा यह याचिका एनडीए के सत्तासीन होने से बहुत पहले दायर की गई थी। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा था, "व्यक्तिगत रूप से एक शिकायत दर्ज की गई थी, जिसका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है..."
वरिष्ठ मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कहा था, "सब कुछ अदालत के सामने है... सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है... बीजेपी यह साफ कर देना चाहती है कि वह तस्वीर में कहीं भी फिट नहीं है..." लेकिन उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि कांग्रेस की ओर से दिए गए जवाब में उसके नेताओं पर लगे आरोपों को लेकर कुछ नहीं कहा गया, जो रविशंकर प्रसाद के अनुसार 'प्रथम दृष्टया आपराधिक विश्वासघात का मामला' दर्शाते हैं।
अब दोनों पार्टियों के नए सिरे से इस मुद्दे पर एक-दूसरे के आमने-सामने डट जाने से समीकरण काफी नाज़ुक हो गए हैं, क्योंकि सरकार को अपने मुख्य सुधारवादी कदम - यानी जीएसटी - को लेकर कांग्रेस की मदद की ज़रूरत है, क्योंकि सरकार को 23 दिसंबर को खत्म होने जा रहे मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान ही इस संविधान संशोधन बिल को पास करवाना बेहद ज़रूरी है।
प्रधानमंत्री ने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट ट्विटर पर लिखा, "कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को उनके जन्मदिन पर अभिवादन... परमात्मा करे, वह स्वस्थ रहें, तथा वह दीर्घायु हों..." इसके अलावा संसदीय कार्यमंत्री वेंकैया नायडू ने भी सोनिया को फोन कर उनके जन्म की 69वीं वर्षगांठ पर उन्हें शुभकामनाएं दीं।
On her birthday, greetings to Congress President Smt. Sonia Gandhi. May Almighty bless her with long life & good health.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 9, 2015
गौरतलब है कि सोनिया गांधी को उनके जन्मदिन पर शुभकामनाएं देने वाली सरकार दूसरी ओर आजकल यह जताने की पुरजोर कोशिश कर रही है कि नेशनल हेराल्ड से जुड़े उस मामले से उसका (सरकार का) कोई लेना-देना नहीं है, जिसमें सोनिया और उनके पुत्र राहुल गांधी को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए हैं, क्योंकि उन पर अख़बार से जुड़ी 5,000 करोड़ रुपये की संपत्ति पर गैरकानूनी तरीके से कब्ज़ा करने के आरोप हैं। कांग्रेस नेताओं पर इस मामले में आरोप लगाने वाली यह याचिका दरअसल बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने दायर की है।
बुधवार को सरकार द्वारा दी गई शुभकामनाओं को उस पुल को जोड़ने की कोशिशों के रूप में देखा जा रहा है, जो मंगलवार को संसद में उस वक्त टूट गया था, जब इसी नेशनल हेराल्ड मामले को लेकर गुस्साई कांग्रेस ने दोनों सदनों में सारे कामकाज को ठप कर दिया था। कांग्रेस का कहना था कि सत्तापक्ष का एक सदस्य उनके नेताओं को 'परेशान' कर रहा है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इसे 'राजनैतिक बदला' करार दिया था, और आमतौर पर शांत रहने वाली सोनिया गांधी ने कहा था, "मैं इंदिरा गांधी की बहू (पुत्रवधू) हूं... और मैं किसी से या किसी भी चीज़ से नहीं डरती..."
बीजेपी ने बेहद सावधानी से काम लेते हुए सुब्रह्मण्यम स्वामी से दूरी बना ली है, और कहा है कि पार्टी के देशभर में 10 करोड़ से ज़्यादा सदस्य हैं, तथा यह याचिका एनडीए के सत्तासीन होने से बहुत पहले दायर की गई थी। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा था, "व्यक्तिगत रूप से एक शिकायत दर्ज की गई थी, जिसका सरकार से कोई लेना-देना नहीं है..."
वरिष्ठ मंत्री रविशंकर प्रसाद ने भी कहा था, "सब कुछ अदालत के सामने है... सरकार की इसमें कोई भूमिका नहीं है... बीजेपी यह साफ कर देना चाहती है कि वह तस्वीर में कहीं भी फिट नहीं है..." लेकिन उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि कांग्रेस की ओर से दिए गए जवाब में उसके नेताओं पर लगे आरोपों को लेकर कुछ नहीं कहा गया, जो रविशंकर प्रसाद के अनुसार 'प्रथम दृष्टया आपराधिक विश्वासघात का मामला' दर्शाते हैं।
अब दोनों पार्टियों के नए सिरे से इस मुद्दे पर एक-दूसरे के आमने-सामने डट जाने से समीकरण काफी नाज़ुक हो गए हैं, क्योंकि सरकार को अपने मुख्य सुधारवादी कदम - यानी जीएसटी - को लेकर कांग्रेस की मदद की ज़रूरत है, क्योंकि सरकार को 23 दिसंबर को खत्म होने जा रहे मौजूदा शीतकालीन सत्र के दौरान ही इस संविधान संशोधन बिल को पास करवाना बेहद ज़रूरी है।
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