Coronavirus Pandemic: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) को बेहतर स्थिति में लाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की सराहना की और कहा कि परिस्थितियां कितनी भी कठिन हो, सुनियोजित तरीके से यदि आगे बढ़ा जाए तो मनचाहा परिणाम हासिल किया जा सकता है. प्रधानमंत्री ने मंगलवार को कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए मौजूदा स्थिति की समीक्षा और भावी योजनाओं के बारे में 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों से संवाद के दौरान यह बात कही.
देश में कोरोना वायरस से मौतों की दर एक प्रतिशत से कम करने का लक्ष्य
उन्होंने इस महामारी से ‘‘सफलतापूर्वक'' निपटने के लिए शाह द्वारा दिल्ली और आसपास के राज्यों के साथ मिलकर रोडमैप तैयार करने के अनुभव को भी मुख्यमंत्रियों के साथ साझा किया.प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के मुताबिक मोदी ने कहा, ‘‘हमने देखा कि हरियाणा के कुछ जिले, उत्तर प्रदेश के कुछ जिले और दिल्ली में एक ऐसा कालखंड आया जो बड़ी चिन्ता का विषय बन गया. सरकार ने भी दिल्ली में ऐसी घोषणा की कि लग रहा था कि बड़ा संकट पैदा होगा.''मोदी का इशारा दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के उस बयान की तरफ था जिसमें उन्होंने दावा किया था कि दिल्ली में 31 जुलाई तक कोरोना के मामले साढ़े पांच लाख हो सकते हैं.
मोदी ने कहा कि एक समीक्षा बैठक करने के बाद उन्होंने अमित शाह के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया तथा नए सिरे से सारे मामले को आगे बढ़ाने का काम किया. उन्होंने कहा, ‘‘उन पांचों जिलों में भी और शहर (दिल्ली) में बहुत बड़ी मात्रा में हम जो चाहते हैं वो परिणाम ला पाए. मैं समझता हूं कि कितना ही बड़ा कठिन परिदृश्य दिखता हो, लेकिन व्यवस्थित तरीके से अगर आगे बढ़ते हैं तो चीजों को हम हफ्ते-10 दिन में अपनी तरफ मोड़ सकते हैं और ये हमने अनुभव करके देखा है.''उन्होंने कहा कि इस रणनीति के मुख्य बिन्दु निषिद्ध क्षेत्रों को पूरी तरह से अलग कर देना, जहां जरूरत हो वहां ‘‘माइक्रो कंटेनमेंट'' का भी आग्रह करना, शत प्रतिशत स्क्रीनिंग करना, रिक्शा-ऑटो चालक और घरों में काम करने वाले लोगों को भी और अन्य अति जोखिम वाले लोगों की स्क्रीनिंग करना था.
उन्होंने कहा, ‘‘इन कदमों के परिणाम सभी देख सकते हैं. अस्पतालों में बेहतर प्रबंधन और आईसीयू बिस्तर बढ़ाने जैसे कदम भी बहुत मददगार साबित हुए.''गत जून महीने में देश में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा था. दिल्ली में इसका असर सबसे ज्यादा देखा जा रहा था. इसकी रोकथाम के लिए खुद अमित शाह ने मोर्चा संभाला था.
शाह ने इस दौरान दिल्ली और एनसीआर में संयुक्त रणनीति अपनाने पर बल दिया और कहा था कि इस कार्य में गुरुग्राम, नोएडा और गाजियाबाद जैसे उपनगरों को दिल्ली से अलग नहीं किया जा सकता.
उल्लेखनीय है कि दिल्ली में मंगलवार को कोविड-19 के 1257 नये मामले सामने आए जिन्हें मिलाकर राष्ट्रीय राजधानी में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1,47,391 हो गई.दो महीने से अधिक समय में पहली बार एक दिन में मौत के मामले 10 से कम हुए हैं. दिल्ली में पांच अगस्त को कोविड-19 से मौत के 11 मामले सामने आये थे और राजधानी के हालात में अच्छा सुधार दिखाई दिया.दिल्ली में 10 अगस्त को संक्रमण की दर 5.7 प्रतिशत थी जबकि बीमारी से लोगों के स्वस्थ होने की दर 90 प्रतिशत से ज्यादा हो गई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय स्तर पर लोगों के इस बीमारी से ठीक होने की दर 69.33 प्रतिशत है.
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