
राष्ट्रीय पंचायतराज दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) पूरे देश की ग्राम पंचायतों के साथ वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की. केंद्र सरकार की ओर से कहा गया है कि कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम में ग्राम पंचायतों ने अहम भूमिका निभाई है जिसमें गरीबों और प्रवासी मजदूरों तक अनाज की आपूर्ति में अहम भूमिका रही है. इस मौके पर पीएम मोदी एकीकृत ई-ग्राम स्वराज पोर्टल भी लांच किया. इसके साथ ही पीएम मोदी ने स्वामित्व योजना की भी शुरुआत की. ग्राम पंचायतों से बातचीत की शुरुआत करते हुए पीएम मोदी ने सभी लोगों को पंचायतीराज दिवस पर शुभकामनाएं दीं. पीएम मोदी ने इस दौरान पंच और सरपंचों से क्या कहा और क्या बातचीत की, आइए 10 प्वाइंट में जानते हैं.
पंचों से बैठक में PM की 10 बड़ी बातें
कोरोना संकट ने अपना सबसे बड़ा संदेश, अपना सबसे बड़ा सबक हमें दिया है कि हमें आत्मनिर्भर बनना पड़ेगा. गांव अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए आत्मनिर्भर बने, जिला अपने स्तर पर, राज्य अपने स्तर पर, और इसी तरह पूरा देश कैसे आत्मनिर्भर बने, अब ये बहुत आवश्यक हो गया है.
एक दौर वो भी था जब देश की सौ से भी कम पंचायतें ब्रॉडबैंड से जुड़ी थीं. अब सवा लाख से ज्यादा पंचायतों तक ब्रॉडबैंड पहुंच चुका है. इतना ही नहीं, गांवों में कॉमन सर्विस सेंटरों की संख्या भी तीन लाख को पार कर रही है.
इस कोरोना संकट ने दिखा दिया है कि देश के गांवों में रहने वाले लोग, इस दौरान उन्होंने अपने संस्कारों-अपनी परंपराओं की शिक्षा के दर्शन कराए हैं. गांवों से जो अपडेट आ रहा है, वो बड़े-बड़े विद्वानों के लिए भी प्रेरणा देने वाला है.
आप सभी ने दुनिया को मंत्र दिया है- ‘दो गज दूरी' का, या कहें ‘दो गज देह की दूरी' का. इस मंत्र के पालन पर गांवों में बहुत ध्यान दिया जा रहा है. ये आपके ही प्रयास है कि आज दुनिया में चर्चा हो रही है कि कोरोना को भारत ने किस तरह जवाब दिया है.
इतना बड़ा संकट आया, इतनी बड़ी वैश्विक महामारी आई, लेकिन इन 2-3 महीनों में हमने ये भी देखा है भारत का नागरिक, सीमित संसाधनों के बीच, अनेक कठिनाइयों के सामने झुकने के बजाय, उनसे टकरा रहा है, लोहा ले रहा है.
ये सही है कि रुकावटें आ रही हैं, परेशानी हो रही है, लेकिन संकल्प का सामर्थ्य दिखाते हुए, नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ते हुए, नए-नए तरीके खोजते हुए, देश को बचाने का और देश को आगे बढ़ाने का काम भी निरंतर जारी है.
सरकार और जनता के बीच जब विश्वास होता है तो कितने ही बड़े संकट को हम पार कर लेते हैं. इस बार जो लड़ाई हम जीत रहे हैं, उसका मूल कारण विश्वास है. खुद पर भी विश्वास है और व्यवस्थाओं पर भी विश्वास है.
किसान का स्वस्थ रहना बहुत जरूरी है. वो हमारा अन्नदाता है और निस्वार्थ भाव से देशवासियों को पेट पालता है. किसान और पशुपालक साथियों ने लॉकडाउन के समय देश को अनाज, दूध, दही, फल की कमी नहीं होने दी.
पंचायत के सदस्य से बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, कोरोना की खासियत है, यह खुद कहीं नहीं जाता, दो गज़ की दूरी हमें बचाएगी.
पीएम मोदी ने कहा कि स्वामित्व योजना में ड्रोन के माध्यम से पूरे गांव की संपत्ति का लेखाजोखा दिया जाएगा और स्वामित्व का प्रमाणपत्र दिया जाएगा. इससे स्वामित्व को लेकर गांवों में जो झगड़े होते हैं वह खत्म हो जाएंगे और स्वामित्व होने से संपत्ति के आधार पर बैंक से लोन लिया जा सकेगा.