PM Modi ने 18 से अधिक उम्र के लिए वैक्सीनेशन केंद्र द्वारा मुफ्त करने का ऐलान किया
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार शाम को राष्ट्र के नाम संबोधन दिया. पीएम मोदी ने इस संबोधन में खासकर राज्यों के केंद्र की वैक्सीनेशन नीति को लेकर की गई आलोचना पर खुलकर अपनी बात रखी. पीएम मोदी ने कहा कि राज्यों ने ही कहा था कि उन्हें वैक्सीन खरीद और टीकाकरण करने का अधिकार दिया और युवाओं को भी वैक्सीन लगाई जाए. लेकिन उन्हें इस अभियान की अड़चन और कठिनाइयों का अहसास अब हो गया है.
- पीएम मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन - पीएम ने कहा, सरकार ने विभिन्न मुख्यमंत्रियों, विपक्षी राजनीतिक दलों के सुझावों का ध्यान रखा. जिन्हें कोरोना से ज्यादा खतरा है, उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी. इसलिए हेल्थकेयर वर्कर, फ्रंटलाइन वर्कर और 45 साल से ज्यादा उम्र के नागरिकों को पहले कोरोना वैक्सीन लगनी शुरू हुई.
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जोर देकर कहा, कोरोना की दूसरी लहर से पहले फ्रंटलाइन वर्कर को वैक्सीन न लगा होता तो क्या हुआ होता, डॉक्टर, नर्स स्टाफ और अस्पताल में सफाई कर्मचारी को इसमें प्राथमिकता दी गई और उन्हें महामारी से बचाया गया.
- पीएम मोदी ने कहा, राज्य कह रहे थे कि सब कुछ भारत सरकार क्यों कर रही है, राज्य सरकारों को लॉकडाउन में छूट देने की बात क्यों नहीं कर रही. राज्यों को वैक्सीन खरीद के लिए अधिकार क्यों नहीं दिए जा रहे. राज्यों को स्वास्थ्य पर सब कुछ करने का हक क्यों नहीं दिया जा रहा. भारत सरकार ने एक वृहद गाइडलाइन राज्यों को दी, ताकि वे स्थानीय स्तर पर कोरोना कर्फ्यू, माइक्रोकंटेनमेंट जोन पर राज्यों को अधिकार दिया, उनकी मांगों को स्वीकार किया.
- 16 जनवरी से मुख्यतया टीकाकरण केंद्र सरकार के अधीन ही चल रहा है. इस बीच कई राज्यों ने कहा, वैक्सीन का काम भी विकेंद्रित कर राज्यों को दिया जाए. तरह-तरह के स्वर उठे. वैक्सीनेशन के लिए एक ग्रुप क्यों बनाए गए. आयु वर्ग की सीमा केंद्र ही क्यों तय करें. बुजुर्गों का वेक्सीनेशन पहले क्यों हो रहा है. दबाव भी बनाया गया. मीडिया कंपेन भी चला.
- प्रधानमंत्री ने कहा, काफी चिंतन-मनन के बाद सहमति बनी कि राज्य अपने स्तर पर भी टीकाकरण के लिए प्रयास करना चाहती हैं तो केंद्र क्यों ऐतराज करे. लिहाजा टीकाकरण नीति में बदलाव किया गया 25 फीसदी का काम उन्हीं को दे दिया जाए. 1 मई से राज्यों को 25 फीसदी काम दिया गया. उन्होंने अपने-्पने तरीके से प्रयास किए. उन्हें पता चला कि क्या कठिनाइयां आती हैं. पूरी दुनिया में वैक्सीन की क्या स्थिति हैं, इससे वो परिचित हुए.
- पीएम मोदी ने कहा, मई में कोरोना की दूसरी लहर, लोगों का बढ़ता रुझान, राज्यों की कठिनाइयां. मई के दूसरे हफ्ते के बाद ही कुछ राज्य खुले मन से कहने लगे कि पहले वाली व्यवस्था ही अच्छी थी. जो राज्य वकालत कर रहे थे कि वैक्सीनेशन की व्यवस्था केंद्र के अधीन ही रहे. समय रहते उन्हें पता चला कि यह व्यवस्था केंद्र सरकार के अधीन ही बेहतर है.
- आज ये निर्णय लिया गया है कि राज्यों के पास वैक्सीनेशन से जुड़ा 25 प्रतिशत काम था, उसकी जिम्मेदारी भी भारत सरकार उठाएगी. यह व्यवस्था आने वाले दो हफ्तों में लागू की जाएगी. केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर नई गाइडलाइन तैयार कर लेंगी.
- 21 जून को योग दिवस को सोमवार से देश के हर राज्य में 18 वर्ष से उम्र के सभी नागरिकों के लिए केंद्र सरकार मुफ्त वैक्सीन मुहैया करवाएगी. वैक्सीन निर्माताओं के कुल कीमत का 75 फीसदी हिस्सा खुद ही केंद्र सरकार वहन करेगी. राज्यों को कोरोना वैक्सीन पर कुछ भी खर्च नहीं करना होगा.
- देश में बन रही वैक्सीन में 25 फीसदी प्राइवेट अस्पताल ले पाएं, इसकी व्यवस्था जारी रहेगी. निजी अस्पताल 150 रुपये ही सर्विस चार्ज ले पाएंगे. इसकी निगरानी राज्य सरकारें ही करेंगी.
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत गरीबों को मुफ्त राशन की अवधि दो माह और बढ़ा दी गई है. केंद्र सरकार 21 नवंबर तक यह योजना जारी रखेगी.