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हैदराबाद में ED की कार्रवाई में बड़ा खुलासा... मीट एक्सपोर्ट करने वाली कंपनी ने कचरे को ठिकाने नहीं लगाया,

ED की जांच में सामने आया कि इस गैरकानूनी तरीके से कंपनी ने करीब 61 लाख रुपये की अपराध से कमाई की, जिसे कचरा ट्रीटमेंट में खर्च करने के बजाय अन्य कामों में इस्तेमाल किया गया. ED पहले ही कंपनी के 61 लाख रुपये के फिक्स्ड डिपॉजिट को अटैच कर चुकी है.

हैदराबाद में ED की  कार्रवाई में बड़ा खुलासा... मीट एक्सपोर्ट करने वाली कंपनी ने कचरे को ठिकाने नहीं लगाया,

हैदराबाद में प्रवर्तन निदेशालय ने अल कबीर एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और इसके डायरेक्टर के खिलाफ PMLA के तहत स्पेशल PMLA कोर्ट, हैदराबाद में चार्जशीट दाखिल की है. अदालत ने इस शिकायत पर संज्ञान भी ले लिया है. यह जांच तेलंगाना स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (TSPCB) की शिकायत पर शुरू हुई थी, जो 2017 में संगारेड्डी कोर्ट में दर्ज कराई गई थी. शिकायत में आरोप था कि अल कबीर एक्सपोर्ट्स, जो फ्रोजन भैंस के मांस के प्रोसेसिंग का काम करती है, को TSPCB से यह अनुमति मिली थी कि जानवरों के वध से निकलने वाला ठोस कचरा नियमों के अनुसार अलग किया जाएगा और उसका सही तरीके से निस्तारण होगा.

कंपनी ने तय मानकों का पालन नहीं किया और खतरनाक मांस के कचरे का ट्रीटमेंट करने की बजाय उसे खुले में फेंक दिया, जिससे आसपास की सतही और भूमिगत जलस्रोत प्रदूषित हो गए. यह काम वॉटर (प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ पॉल्यूशन) एक्ट, 1974 की धारा 24 और 43 का उल्लंघन है.

ED की जांच में सामने आया कि इस गैरकानूनी तरीके से कंपनी ने करीब 61 लाख रुपये की अपराध से कमाई की, जिसे कचरा ट्रीटमेंट में खर्च करने के बजाय अन्य कामों में इस्तेमाल किया गया. ED पहले ही कंपनी के 61 लाख रुपये के फिक्स्ड डिपॉजिट को अटैच कर चुकी है.

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