प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लॉकडाउन के चलते उत्तर प्रदेश में अपने घर वापस लौटे प्रवासी मजदूरों के लिए नौकरी के अवसर पैदा करने और स्थानीय उद्यमियों को बढ़ावा देने वाली योजना 'आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार योजना' का उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने कोरोनावायरस के खिलाफ राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की लड़ाई की तारीफ भी की. उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने जिस तरह आपदा को अवसर में बदला है, जिस तरह योगी जी जी-जान से जुटे हैं, देश के अन्य राज्यों को भी इस योजना से बहुत कुछ सीखने को मिलेगा, वो भी इससे प्रेरणा पाएंगे.
पीएम ने उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान राज्य के ऐसे कई लोगों से बात की, जो स्वरोजगार पर निर्भर हो रहे हैं और इसके लिए उन्हें राज्य सरकार की योजनाओं से मदद मिली है. मजदूरों की महत्ता पर बात करते हुए पीएम ने कहा कि 'श्रम की ताकत हम सभी ने महसूस की है. श्रम की इसी ताकत का आधार बना, भारत सरकार द्वारा शुरु किया गया गरीब कल्याण रोजगार अभियान. आज इसी शक्ति ने आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश रोजगार अभियान को प्रेरणा दी. योगी सरकार ने न सिर्फ इसमें अनेक नई योजनाएं जोड़ी हैं, लाभार्थियों की संख्या बढ़ाई है बल्कि इसे आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के साथ भी पूरी तरह से जोड़ दिया है.'
'पुरानी सरकारों के बस की बात नहीं थी'
योगी सरकार की कोरोना के खिलाफ लड़ाई को लेकर पीएम ने कहा आज उत्तर प्रदेश के लोगों का जीवन बच रहा है, सुरक्षित हो रहा है. उन्होंने कहा कि 'सीएम योगी ने कोरोना की गंभीरता को समझा है. नहीं तो यूपी में 85 हजार लोगों की मौत हो सकती है. पिता जी की अंत्येष्टि में जाने के बजाए, यूपी के सीएम योगी जी कोरोना से जिंदगियां बचाने में लगे रहे. योगी जी ने पहले की सरकारों की तरह काम नहीं किया. उनकी सरकार ने हालात की गंभीरता को समझा. उनकी सरकार ने युद्धस्तर पर काम किया है. ये सब उस स्थिति में हुआ जब देशभर से करीब 30 लाख से अधिक श्रमिक साथी, कामगार साथी, यूपी में पिछले कुछ हफ्तों में अपने गांव लौटे थे'
पीएम ने कहा, 'क्वारंटीन सेंटर हो, आइसोलेशन की सुविधा हो, इसके निर्माण के लिए पूरी ताकत झोंक दी गई. यूपी में 2017 से पहले जिस तरह का शासन चल रहा था, जिस तरह की सरकारें चला करती थीं, उस हालात में, हम इन नतीजों की कल्पना भी नहीं कर सकते.' उन्होंने कहा, 'पहले वाली सरकारें होतीं, तो अस्पतालों की संख्या का बहाना बनाकर, बिस्तरों की संख्या का बहाना बनाकर, इस चुनौती को टाल देती एक वो भी दिन था जब प्रयागराज के सांसद देश के प्रधानमंत्री थे, और कुंभ के मेले में भगदड़ मची थी, सैकड़ों-हजारों लोग मारे गए थे. तब उस समय जो लोग सरकार में थे, उन्होंने सारा जोर मरने वालों की संख्या छिपाने में ही लगा दिया था. जो मेहनत यूपी की सरकार ने की है, हम कह सकते हैं कि एक प्रकार से अब तक कम से कम 85 हजार लोगों का जीवन बचाने में वो कामयाब हुई है.'
योगी जी ने पहले की सरकारों की तरह काम नहीं किया। उनकी सरकार ने हालात की गंभीरता को समझा।
— BJP (@BJP4India) June 26, 2020
ये देखते हुए उन्होंने और उनकी सरकार ने युद्धस्तर पर काम किया।
क्वारंटीन सेंटर हो, आइसोलेशन की सुविधा हो, इसके निर्माण के लिए पूरी ताकत झोंक दी गई: पीएम @narendramodi pic.twitter.com/V3RtZhw5bQ
'उत्तर प्रदेश ने मिसाल कायम की है'
पीएम ने कहा कि ' चाहे यूपी के डॉक्टर हों, पैरामेडिकल स्टाफ हो, सफाई कर्मचारी हों, पुलिसकर्मी हों, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हो, बैंक और पोस्टऑफिस के साथी हों, परिवहन विभाग के साथी हों, श्रमिक साथी हों, हर किसी ने पूरी निष्ठा के साथ अपना योगदान दिया है. आपने जो किया है वो पूरी दुनिया के लिए मिसाल है. इसके लिए मैं यूपी के 24 करोड़ नागरिकों की सराहना करता हूं, नमन करता हूं.'
यूपी में कोरोना के मामलों की यूरोप के 4 बड़े देश इंग्लैंड, फ्रांस, इटली, स्पेन से तुलना करते हुए बोला कि 'इन चारों देशों की जनसंख्या करीब 24 करोड़ है. यूपी की जनसंख्या भी करीब इतनी ही है लेकिन कोरोना में इन चारों देशों में मिलाकर 1.3 लाख लोगों की मृत्यु हुई, जबकि उतनी ही जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में 600 लोगों की जान गई. आप सभी लोगों ने मिलकर यूपी को जिस तरह मुश्किल से संभाला है, आने वाले समय में राज्य का हर परिवार इसे याद रखेगा.'
VIDEO: पीएम मोदी ने अलग-अलग रोजगारों से जुड़े लोगों से की बात
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं