यह ख़बर 30 अक्टूबर, 2011 को प्रकाशित हुई थी

खाद्य वस्तुओं की महंगाई चिंता का विषय : मनमोहन

खास बातें

  • प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक मुद्रास्फीतिक दबाव को कम करने के लिए जरूरी वित्तीय और मौद्रिक उपाय करते रहेंगे।
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने माना कि खाद्य वस्तुओं की ऊंची कीमतें विशेष रूप से चिंता की वजह बनी हुई हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक मुद्रास्फीतिक दबाव को कम करने के लिए जरूरी वित्तीय और मौद्रिक उपाय करते रहेंगे। खाद्य मुद्रास्फीति के छह माह के उच्च स्तर पर पहुंच चुकी है। प्रधानमंत्री ने यहां राज्यपालों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश के समय इस समय तात्कालिक चुनौती ऊंची वृद्धि दर की रफ्तार को कायम रखना और महंगाई पर अंकुश लगाने की है। सब्जियों की कीमतों में तेजी से 15 अक्टूबर को समाप्त सप्ताह में खाद्य मुद्रास्फीति बढ़कर 11.43 प्रतिशत की ऊंचाई पर पहुंच गई है। सिंह ने कहा, हाल के महीनों में खाने-पीने की वस्तुओं के ऊंचे दाम विशेष रूप से चिंता की वजह रहे हैं। उन्होंने कहा कि दीर्घावधि में खाद्य वस्तुओं की ऊंची कीमतों पर अंकुश के लिए कृषि और संबंधित क्षेत्रों में उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाना जरूरी है। प्रधानमंत्री ने कहा, 11वीं योजना में हमने इस दिशा में कई कदम उठाए हैं। 12वीं योजना में इन्हें और मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा, इस बीच हमारी सरकार और रिजर्व बैंक वित्तीय और मौद्रिक उपाय जारी रखेंगे, जिससे मुद्रास्फीतिक दबाव को कमा किया जा सके। सिंह ने वैश्विक अर्थव्यवस्था की रफ्तार में कमी का भी उल्लेख करते हुए कहा कि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक वातावरण बहुत ज्यादा उत्साहवर्धक नहीं है।


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