प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पठानकोट आतंकी हमले के मामले में अपनी जांच के सिलसिले में अमेरिकी एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) समेत कुछ विदेशी जांच एजेंसियों से संपर्क किया है।
उधर केंद्रीय जांच एजेंसियों को एनआईए के दल को पूरी जांच के लिए पाकिस्तान जाने की अनुमति देने के लिए उस देश के औपचारिक जवाब का अब भी इंतजार है।
साइबर निशानों से सुरागों की खोज
आधिकारिक सूत्रों ने आज कहा कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्यों द्वारा छोड़े गए कुछ साइबर निशानों का पता लगाने के लिए एफबीआई समेत कुछ एजेंसियों की मदद मांगी गई है। एक और दो जनवरी की दरमियानी रात में पठानकोट में वायु सेना के रणनीतिक महत्व वाले ठिकाने पर हमले के तत्काल बाद जैश प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रउफ को वेबसाइट ‘अलकलम डॉट कॉम’ और ‘रंगूनूर डॉट कॉम’ पर वीडियो लेने की जिम्मेदारी पर देखा गया था। यह वेबसाइट एक अमेरिकी डोमेन सेवा प्रदाता से संचालित थी।
जेआईटी के भारत आगमन से पहले बंद की वेबसाइट
पाकिस्तान के संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के पिछले सप्ताह भारत आगमन से पहले ‘अलकलम’ को बंद कर दिया गया था। वहीं दूसरी वेबसाइट चालू रही लेकिन वीडियो हटा लिया गया। सूत्रों ने कहा कि इस वेबसाइट का भुगतान एक यूरोपीय देश के रास्ते हुआ और एनआईए ने भुगतान करने वाले शख्स का ब्योरा मांगा है। एनआईए ने पठानकोट में आतंकवादियों के साथ 80 घंटे चली मुठभेड़ के बाद जब्त किए गए हथियारों और अन्य उपकरणों के संबंध में अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से भी संपर्क साधा है।
पाकिस्तान के जवाब का इंतजार
एनआईए ने आतंकवाद निरोधक विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक मुहम्मद ताहिर राय की अगुवाई वाली पाकिस्तानी जेआईटी को बताया कि परस्पर आदान-प्रदान के आधार पर आपस में तय हुईं शर्तों के अनुरूप सहयोग किया गया था और उसे पाकिस्तान के दौरे की मंजूरी का इंतजार है। एनआईए ने भी पाकिस्तान को एक अनुरोध पत्र भेजा है जिसके लिए जवाब का अब भी इंतजार है। सूत्रों ने कहा कि एनआईए ने जेआईटी के लिखित अनुरोधों के आधार पर उसे सभी सबूत मुहैया कराए हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
उधर केंद्रीय जांच एजेंसियों को एनआईए के दल को पूरी जांच के लिए पाकिस्तान जाने की अनुमति देने के लिए उस देश के औपचारिक जवाब का अब भी इंतजार है।
साइबर निशानों से सुरागों की खोज
आधिकारिक सूत्रों ने आज कहा कि पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्यों द्वारा छोड़े गए कुछ साइबर निशानों का पता लगाने के लिए एफबीआई समेत कुछ एजेंसियों की मदद मांगी गई है। एक और दो जनवरी की दरमियानी रात में पठानकोट में वायु सेना के रणनीतिक महत्व वाले ठिकाने पर हमले के तत्काल बाद जैश प्रमुख मौलाना मसूद अजहर के भाई अब्दुल रउफ को वेबसाइट ‘अलकलम डॉट कॉम’ और ‘रंगूनूर डॉट कॉम’ पर वीडियो लेने की जिम्मेदारी पर देखा गया था। यह वेबसाइट एक अमेरिकी डोमेन सेवा प्रदाता से संचालित थी।
जेआईटी के भारत आगमन से पहले बंद की वेबसाइट
पाकिस्तान के संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के पिछले सप्ताह भारत आगमन से पहले ‘अलकलम’ को बंद कर दिया गया था। वहीं दूसरी वेबसाइट चालू रही लेकिन वीडियो हटा लिया गया। सूत्रों ने कहा कि इस वेबसाइट का भुगतान एक यूरोपीय देश के रास्ते हुआ और एनआईए ने भुगतान करने वाले शख्स का ब्योरा मांगा है। एनआईए ने पठानकोट में आतंकवादियों के साथ 80 घंटे चली मुठभेड़ के बाद जब्त किए गए हथियारों और अन्य उपकरणों के संबंध में अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से भी संपर्क साधा है।
पाकिस्तान के जवाब का इंतजार
एनआईए ने आतंकवाद निरोधक विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिरीक्षक मुहम्मद ताहिर राय की अगुवाई वाली पाकिस्तानी जेआईटी को बताया कि परस्पर आदान-प्रदान के आधार पर आपस में तय हुईं शर्तों के अनुरूप सहयोग किया गया था और उसे पाकिस्तान के दौरे की मंजूरी का इंतजार है। एनआईए ने भी पाकिस्तान को एक अनुरोध पत्र भेजा है जिसके लिए जवाब का अब भी इंतजार है। सूत्रों ने कहा कि एनआईए ने जेआईटी के लिखित अनुरोधों के आधार पर उसे सभी सबूत मुहैया कराए हैं।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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