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जहां भाजपा ने इस घटना को लेकर संप्रग सरकार को लपेटने की कोशिश की, वहीं कांग्रेस ने कहा कि रामदेव पर हमले का सरकार से उनके विरोध से कोई लेना-देना नहीं है।
रूडी ने कहा, ‘‘कुछ महीने पहले हमने देखा था कि रामदेव और उनके समर्थकों पर रामलीला मैदान से बाहर निकालने के लिए लाठीचार्ज किया गया था। कथित तौर पर केंद्र सरकार की ओर से पुलिस का आतंक लोगों को झेलना पड़ा था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा का मानना है कि आज की घटना संप्रग सरकार की ओर से रची गई हो सकती है। सरकार पर पहले से संदेह है कि भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ आवाज उठाने वालों पर वह बदले की कार्रवाई करती है। संप्रग सरकार को इस घटना में खुद को पाक-साफ साबित करना है और इस मामले की पूरी जांच होनी चाहिए। रामदेव की पूरी सुरक्षा मुहैया कराई जानी चाहिए।’’
कांग्रेस ने भी इस घटना की निंदा की और कहा कि रामदेव पर हमले का सरकार से उनके विरोध से कोई लेना-देना नहीं है। पार्टी प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, ‘‘जो कुछ भी हुआ है, वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है और कोई कुछ गलत करता है, तो मैं उसकी निंदा करता हूं। मुझे पूरा भरोसा है कि कानून अपनी कार्रवाई करेगा।’’ कांग्रेस ने यह भी कहा कि हर व्यक्ति को अधिकार है कि वह किसी भी राजनीतिक दल का विरोध कर सकता है।
पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने भी घटना की निंदा की है और कहा कि रामदेव के चेहरे पर काली स्याही फेंकने वाले की पूरी जांच की जाए। राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा कि दोषी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी घटना सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए की जाती है।
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