विज्ञापन
This Article is From Aug 11, 2021

Parliament Session: लोकसभा स्‍पीकर ने कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ने पर जताई पीड़ा, बोले-कोशिश थी, सब बात रखते

संसद सत्र में बनी लगातार गतिरोध की स्थिति और हंगामे को लेकर स्‍पीकर ने कहा कि हमारे यहां भी कार्रवाई के लिए नियम है लेकिन इससे सदन नहीं चलता. सदन संवाद से, बातचीत से चलता है.

Parliament Session: लोकसभा स्‍पीकर ने कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ने पर जताई पीड़ा, बोले-कोशिश थी, सब बात रखते
लोकसभा स्‍पीकर ओम बिरला ने कहा, लगातार गतिरोध रहा और अंत तक समाप्त नही हो पाया
नई दिल्ली:

Parliament Monsoon Session: संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) का ज्‍यादातर समय इस बार हंगामे की भेंट चढ़ गया और इस कारण दोनों सदनों लोकसभा और राज्‍यसभा का कामकाज काफी प्रभावित हुआ. पेगासस जासूसी और कृषि कानूनों के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध दूर रहीं हो सका और इसके कारण कार्यवाही बार बार बाधित होती है. मॉनसून सत्र 19 जुलाई से प्रारंभ हुआ है.मॉनसून सत्र के लिए लोकसभा की बैठक बुधवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई.लोकसभा (Lok Sabha) स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) ने इस बात को लेकर वेदना जाहिर की कि सदन में अपेक्षा के मुताबिक कामकाज नहीं हो पाया. उन्‍होंने कहा कि वेल में पोस्‍टर लेकर पहुंचने और नारेबाजी जैसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए.यह संसदीय परम्परा के अनुरूप नही है. आग्रह भी करता हूं कि ऐसा न करे. कोशिश ये होनी चाहिए कि तर्क से अपनी बात कहें. उन्‍होंने कहा कि 

चेयर का अपमान नहीं करना चाहिए, दुनिया हमें देखती है.

'रातभर नहीं सोया', सांसदों के टेबल पर चढ़कर हंगामा करने पर वेंकैया हुए भावुक

उन्‍होंने कहा कि लगातार गतिरोध रहा और अंत तक समाप्त नही हो पाया. दो साल सदन ठीक चले. कोशिश रही कि इस बार भी देर रात तक सदन चलाता और सब अपनी बात रखते. संसद के मॉनसून सत्र में कुल 17 बैठके हुई, 21 घंटे 14 मिनट काम हुआ. 96 घंटे में से कुल 74 घंटे और 46 मिनट काम नही हो पाया. इस दौरान 20 विधेयक पारित हुए. लोकसभा स्‍पीकर बिरला ने कहा कि देश की जनता की अपेक्षा रहती है कि सदन चले पर सफलता नहीं मिली. अगले सत्र में उन मुद्दों पर चर्चा हो, जिन पर इस बार चर्चा नही हुई है.

 अधीर रंजन चौधरी बोले- हम सदन में हवा खाने नहीं आते तो अनुराग ठाकुर ने दिया ये जवाब

स्‍पीकर ओम बिरला ने कहा कि संसद की कार्यवाही पर देश का करोड़ों रुपया खर्च होता है. जनता भी परेशान होती है. सहमति और असहमति यह हमारे लोकतंत्र की विशेषता है. सदन सामूहिक प्रयास से चलता है और इसे चलाने की जिम्मेदारी सबकी है. मिलकर प्रयास करना चाहिए . संसद सत्र में बनी लगातार गतिरोध की स्थिति और हंगामे को लेकर उन्‍होंने कहा कि हमारे यहां भी कार्रवाई करने के लिए नियम है लेकिन इससे सदन नहीं चलता. सदन संवाद से, बातचीत से चलता है. स्‍पीकर ने कहा कि 15 अगस्त, 2022 के पहले नई संसद का निर्माण हो जाए.

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com