संसद के मॉनसूत्र सत्र (Parliament Monsoon Session) के अंतर्गत मंगलवार को राज्यसभा (Rajya Sabha) में हुए विपक्ष के हंगामे पर कार्रवाई संभव है. राज्यसभा में विपक्षी सांसदों की तरफ से हंगामा करने वाले सांसदों के खिलाफ मामले को संसद की एथिक्स समिति के पास भेजा जा सकता है.सरकार चाहती है कि राज्यसभा में हंगामा करने के दोषी सांसदों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो. आज जब उच्च सदन की कार्यवाही प्रारंभ हुई तो चेयरमैन ने कहा कि जिस तरह से कुछ सदस्य कल टेबल पर खड़े हुए, उससे मैं व्यथित हूं. मैं इस घटना की कड़ी निंदा करता हूं.इस मसले पर वरिष्ठ मंत्रियों की सभापति एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात हुई है. गौरतलब है कि मंगलवार को कांग्रेस के सांसद प्रताप सिंह बाजवा और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह टेबल पर चढ़ गए थे. यही नहीं, बाजवा ने रूलबुक चेयर पर फेंकी थी. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में कल हुए हंगामे को शर्मसार करने वाली घटना करार दिया.
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उन्होंने कहा, 'ये अपना दो वर्ष तक अध्यक्ष नहीं चुन पाए. जिस पार्टी के सांसद अपनी ही सारकार के बिल फाड़ दें, जो पार्टी सदन न चलने दें, सड़क पर भी जो काम करने से कोई शर्म महसूस करे, वैसा कोई सदन में कोई सदन में करें तो आप समय सकते हैं कि लोकतंत्र के कितना शर्मसार काने का काम किया जा रहा है. देश की जनता ने जिन्हें सांसद बनाकर अपने मुद्दे उठाने के लिए और सदन में चर्चा करने के लिए भेजा है, वे चर्चा में भाग न लेकर चीरफाड़ करने और फाइल तक फेंकने लगे तो मुझे लगता है कि इसे खराब कुछ हो नहीं सकता. करोड़ों रुपये सदन के चलाने के लिए खर्च किए जाते हैं.
उन्होंने कहा, 'कल जो हुआ वह एक के बाद दूसरी घटना शर्मसार करने वाली थी. पहले मंत्री का बयान फाड़ देना और फिर टेबल पर चढ़कर पीठ के ऊपर यानी कि राज्यसभा के अध्यक्ष की चेयर के ऊपर फाइल फेंकना अपने आप शर्मसार करने वाली बात है. यदि कोई ऐसी घटना पर गर्व महसूस करता है तो मुझे लगता है कि जो 26 जनवरी को हुई, जहां एक ओर उससे शर्मसार हुए, वहीं इस तरह की घटना को बार-बार कहीं न कहीं अंजाम दिया जाता है.
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