
- अमित शाह ने लोकसभा में मंत्रियों को गंभीर अपराधों में पद से हटाने का 130वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया
- विधेयक को विपक्षी सांसदों के विरोध और हंगामे के बीच संसद की संयुक्त समिति को विचार के लिए भेज दिया गया
- शाह ने अपने ऊपर लगे आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने गिरफ्तारी से पहले इस्तीफा दिया था
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बुधवार को प्रधानमंत्री, मंत्रियों और मुख्यमंत्रियों को गंभीर अपराध के आरोपों में पद से हटाने के प्रावधान वाले ‘संविधान (130वां संशोधन) विधेयक को पेश किया. भारी हंगामे के बीच इस विधेयक को संसद की संयुक्त समिति को भेज दिया गया. जब अमित शाह ने इस विधेयक को सदन में पेश किया तो विपक्षी सदस्यों की तरफ से जमकर हंगामे किए गए. इस दौरान अमित शाह ने भी विपक्ष पर तीखे वार किए.
अमित शाह ने क्या कहा?
अमित शाह विपक्ष के जारी हंगामे के बीच अपनी सीट पर खड़े हए. उन्होंने कहा कि अब आप मेरी बात सुनो. मुझपर जब आरोप लगाया गया था उस दौरान मैंने गिरफ्तार होने से पहले नैतिकता के आधार पर अपने पद से इस्तीफा दिया था. और जब तक मैं कोर्ट से निर्दोष साबित नहीं हुआ मैंने कोई संवैधानिक पद नहीं लिया. ये क्या सीखाते हैं नैतिकता मुझे. हम भी चाहते हैं कि नैतिकता के मूल्य और बढ़े. गिरफ्तार होने से पहले मैंने इस्तीफा दिया था. ये याद होगा सबको.
गौरतलब है कि सरकार ने गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तार या हिरासत में लिए जाने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री और केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री या मंत्री को पद से हटाने का प्रावधान करने के लिए बुधवार को संसद में तीन बिल पेश किया.
विपक्षी सांसदों ने बिल का किया विरोध
विपक्षी सांसदों ने इसका पुरजोर विरोध किया. कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और असदुद्दीन ओवैसी ने इसे संविधान विरोधी बताया. गृह मंत्री कहा कि यह बिल जल्दबाजी में लाने का आरोप सही नहीं है. उन्होंने कहा बिल को संयुक्त समिति को सौंपा जाएगा. सभी पक्ष-विपक्ष के सांसदों की समिति इस पर विचार करेगी और आपके सामने लेकर आएगी.
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