सोमवार से शुरू होने वाला संसद का मानसून सत्र (Monsoon Session of Parliament) हंगामेदार हो सकता है. हालांकि, मानसून सत्र को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने सर्वदलीय बैठक की और सदन को सुचारू रूप से चलाने में विपक्ष से सहयोग मांगा. उधर, विपक्षी दलों ने भी मानसून सत्र को हंगामेदार बनाने की पुरजोर तैयारी कर ली है. 33 दलों के सदन के नेताओं ने आज सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लिया और कुल 40 से ज़्यादा नेता इसमें शामिल हुए.
लोकसभा में मुख्य विपक्षी कांग्रेस पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी के सांसद महंगाई, पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के बढ़ते दाम, राफेल डील और कोरोनावायरस संक्रमण पर सरकार की विफलता को सदन में जोर-शोर से उठाएंगे. उन्होंने कहा कि यही हमारे सबसे अहम मुद्दे हैं. चौधरी ने कहा, जब सरकार हमारी बात नही सुनेगी तब ही हंगामा होगा.
G-23 के नेताओं की हुई एंट्री, मानसून सत्र से पहले सोनिया गांधी ने संसदीय टीम का किया पुनर्गठन
बीजेपी की सहयोगी रही अकाली दल की नेता और मोदी सरकार में मंत्री रहीं हरसिमरत कौर ने कहा, "मानसून सत्र में भी हमारे लिये किसान का मुद्दा सबसे अहम है. सरकार ने इसे ईगो पर लिया है. किसान मर रहे हैं लेकिन सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही." उन्होंने कहा कि सरकार को इस कानून को वापस लेना चाहिए और कांग्रेस को भी इस मुद्दे पर लड़ाई लड़नी चाहिए लेकिन वह पंजाब में बस कुर्सी की लड़ाई में लगी है.
सोमवार से शुरू होने वाला सत्र 13 अगस्त तक चलेगा. इस दौरान विपक्ष महंगाई, तेल के दामों में बढ़ोतरी, कोरोना के टीकों की कमी, किसान आंदोलन, राफेल डील, भ्रष्टाचार और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगी. वहीं सरकार की कोशिश रहेगी कि इस सत्र में तीन अध्यादेशों समेत कुल 23 विधेयक पास करवाए. इनमें में 17 नए बिल हैं.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं