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This Article is From Jul 16, 2021

दिल्ली के जूता गोदाम में लगी आग मामले में मालिक और पत्नी गिरफ्तार

बाहरी दिल्ली के डीसीपी परमिंदर के मुताबिक, 21 जून को पश्चिम विहार पुलिस थाने में सूचना मिली कि अपेक्षा इंटरनेशनल नामक कारखाने में भीषण आग लगी है. यह जूतों का गोदाम था और यहां से जूतों की ऑनलाइन बिक्री भी होती थी.

दिल्ली के जूता गोदाम में लगी आग मामले में मालिक और पत्नी गिरफ्तार
दिल्ली पुलिस ने गोदाम के मालिक पंकज गर्ग और उसकी पत्नी को गैर इरादतन हत्या के आरोप के तहत गिरफ्तार किया है.
नई दिल्ली:

दिल्ली के उद्योग नगर में एक जूते के गोदाम में आग लगने के मामले में पुलिस ने गोदाम के मालिक पंकज गर्ग और उसकी पत्नी को गैर इरादतन हत्या के आरोप के तहत गिरफ्तार किया है. फॉरेंसिक जांच में पता चला कि जूते के गोदाम में मुख्य द्वार के अलावा बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं था, जिसके चलते गोदाम में 6 कर्मचारियों की मौत हो गई थी, जबकि 6 कर्मचारी घायल हो गए थे. बाहरी दिल्ली के डीसीपी परमिंदर के मुताबिक, 21 जून को पश्चिम विहार पुलिस थाने में सूचना मिली कि अपेक्षा इंटरनेशनल नामक कारखाने में भीषण आग लगी है. यह जूतों का गोदाम था और यहां से जूतों की ऑनलाइन बिक्री भी होती थी.

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बताया गया कि इस गोदाम में कुछ मजदूर फंसे हुए हैं. उसके बाद दमकल की 30 गाड़ियां भी मौके पर पहुंचीं और आग पर काबू पाने और अंदर फंसे लोगों को बचाने के लिए अभियान शुरू किया गया. हालांकि 48 घंटे के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका और तलाशी अभियान भी अधूरा रहा. जांच के दौरान यह पता चला कि इस गोदाम में 21 जून की सुबह करीब 8 बजे कुल 12 कर्मचारी काम पर आए थे और 15 मिनट के बाद आग लग गई. 6 कर्मचारियों को समय रहते निकाल लिया गया, जबकि 6 कर्मचारियों की मौत हो गई थी. जांच के दौरान यह सामने आया है कि गोदाम ओवरलोड था और पूरी तरह से लोहे के गेट और ग्रिल से ढका हुआ था और आने जाने के लिए केवल एक गेट था. इमारत में कोई आपातकालीन द्वार नहीं था और कोई अग्नि सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं थे.

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यह पता चला है कि गोदाम में जूते और दूसरा सामान रखने के लिए सभी मंजिलों पर लोहे के कई स्लैब बनाए गए थे, जो लोग अंदर फंस गए थे वो सबसे ऊपरी मंजिल पर थे, सीढ़ियों के बीच में सामान पड़ा था और वहां से निकलने का रास्ता नहीं था. आरोपी पंकज गर्ग ने बड़ी संख्या सामान स्टोर करने के लिए इमारत में बदलाव किया था, जिसमें घटना के समय कर्मचारी फंस गए थे. दमकल विभाग ने भी गड़बड़ी होने के चलते इस इमारत को एनओसी नहीं दी थी. इमारत में आरोपियों द्वारा कागजों में 4 फर्म चलाई जा रहीं थीं, जिसमें कुछ पंकज गर्ग की पत्नी सुरभि के नाम हैं. सुरभि को 8 जुलाई को द्वारका मोड़ से गिरफ्तार कर लिया गया, जबकि उसके पति ने 14 जुलाई को पश्चिम विहार थाने में आत्मसमर्पण कर दिया और उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

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शुरुआती पूछताछ के दौरान आरोपी पंकज गर्ग ने खुलासा किया कि जूता बाजार में प्रतिस्पर्धा के कारण वह जूतों का प्रमुख विक्रेता बनना चाहता था. इस प्रकार उसने आपने गोदाम को ओवरलोड कर दिया और गोदाम की खिड़कियों और दरवाजों पर अतिरिक्त लोहे के गेट लगा दिए और स्टोर की जगह बढ़ाने के लिए उसने इमारत में कई बदलाव किए. खर्च को कम करने के लिए गोदाम में आग बुझाने के उपकरण और फायर अलार्म भी नहीं लगाए गए थे.

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