केंद्रीय सहकारिता और गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि केंद्र जमीन की ऑडिट और जैविक उत्पादों को प्रमाणित करने के लिए प्रयोगशालाएं स्थापित करने का प्रयास कर रहा है, ताकि किसानों को अधिक कीमत मिल सके. एग्रो एंड फूड प्रोसेसिंग पर राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, 'हम देश में एक प्रयोगशाला स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं जो भूमि का ऑडिट करेगी और जैविक उत्पादों को प्रमाणित करेगी ताकि किसानों को अधिक मूल्य मिले. अमूल और अन्य इस पर काम कर रहे हैं. इससे जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा.'
जैविक खेती की आवश्यकता पर जोर देते हुए शाह ने कहा, '2019 के बाद से, पीएम मोदी ने किसानों से जैविक खेती को बढ़ाने की अपील की है. जैसे गाय के गोबर से बनी खाद भूमि की उर्वरता में सुधार करती है, जैविक उत्पादन समय की जरूरत हैं.'
बता दें कि इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी किसानों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि भले ही रसायन और उर्वरकों ने हरित क्रांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हो लेकिन अब खेती को रसायन की प्रयोगशाला से निकालकर प्रकृति की प्रयोगशाला से जोड़ने का समय आ गया है और इस दिशा में कृषि से जुड़े प्राचीन ज्ञान को ना सिर्फ फिर से सीखने की जरूरत है बल्कि उसे आधुनिक समय के हिसाब से तराशने की भी आवश्यकता है.
IMF की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने की प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात
राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के समापन सत्र को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने किसानों से प्राकृतिक खेती को अपनाने का आह्वान किया और कहा कि इस दिशा में नए सिरे से शोध करने होंगे और प्राचीन ज्ञान को आधुनिक वैज्ञानिक सांचे में ढालना होगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती का सबसे अधिक लाभ छोटे किसानों को होगा और यदि वह प्राकृतिक खेती का रुख करेंगे तो उन्हें भी इसका लाभ होगा. उन्होंने सभी राज्यों से प्राकृतिक खेती को जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया.
Video: पीएम मोदी ने प्राकृतिक खेती के शिखर सम्मेलन में कही यह अहम बातें
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं