प्रतीकात्मक फोटो
नई दिल्ली:
घाटी में 89 दिन बीत गए लेकिन आम जनजीवन सामान्य नहीं हो सका है. तीन महीने से स्कूल बंद हैं और दुकानें खुल नहीं रही हैं. लोगों में गुस्सा है. अब केंद्र सरकार को यह बताया जा रहा है कि अगले एक माह में आतंकी हरकतें और बढ़ सकती हैं. आज कैबिनेट की बैठक से पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने नियंत्रण रेखा और घाटी के हालात से जुड़ी एक रिपोर्ट रखी. उन्होंने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को हालात की जानकारी दी.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की इस रिपोर्ट के मुताबिक अगले एक महीने तक सावधान रहने की जरूरत है. कश्मीर घाटी में फिलहाल 250 संदिग्ध आतंकी सक्रिय हैं. इनमें बड़ी तादाद में उस पार से आए लश्कर और जैश के आतंकी शामिल हैं. इनमें से कई ने पिछले तीन महीने के दौरान घुसपैठ की है. इस साल अब तक सौ से ज्यादा संदिग्ध घुसपैठ कर चुके हैं. इसके अलावा 113 आतंकी मारे जा चुके हैं.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की रिपोर्ट के मुताबिक एलओसी के उस पार सर्जिकल स्ट्राइक से तबाह हुए शिविरों को फिर से खड़ा किया जा रहा है. आशंका है कि इस बार अलग-अलग गांवों में आतंकियों को जुटाया जा रहा है. उन्हें नए हथियार भी दिए जा रहे हैं. कोशिश यह है कि उन्हें बर्फबारी से पहले इस पार भेजा जा सके.
इन सबको देखते हुए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चुनौती बढ़ गई है. इस चुनौती से निपटने के लिए अलगाववादी नेताओं की अपीलों को कमजोर किया गया है. अलगाववादियों को अलग किया जा रहा है और 400 लोगों को जन सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है. सुरक्षा बलों की कोशिश अब आम लोगों तक पहुंचने की है.
इसके अलावा सरकार का सबसे ज्यादा ध्यान स्कूलें खोलने पर है. बच्चों की पढ़ाई बंद है, माता-पिता परेशान हैं. अगले महीने बच्चों के इम्तिहान हैं. प्रधानमंत्री का कहना है कि सबसे पहले स्कूल खुलने चाहिए, इससे माहौल काफी सामान्य होगा.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की इस रिपोर्ट के मुताबिक अगले एक महीने तक सावधान रहने की जरूरत है. कश्मीर घाटी में फिलहाल 250 संदिग्ध आतंकी सक्रिय हैं. इनमें बड़ी तादाद में उस पार से आए लश्कर और जैश के आतंकी शामिल हैं. इनमें से कई ने पिछले तीन महीने के दौरान घुसपैठ की है. इस साल अब तक सौ से ज्यादा संदिग्ध घुसपैठ कर चुके हैं. इसके अलावा 113 आतंकी मारे जा चुके हैं.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की रिपोर्ट के मुताबिक एलओसी के उस पार सर्जिकल स्ट्राइक से तबाह हुए शिविरों को फिर से खड़ा किया जा रहा है. आशंका है कि इस बार अलग-अलग गांवों में आतंकियों को जुटाया जा रहा है. उन्हें नए हथियार भी दिए जा रहे हैं. कोशिश यह है कि उन्हें बर्फबारी से पहले इस पार भेजा जा सके.
इन सबको देखते हुए भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की चुनौती बढ़ गई है. इस चुनौती से निपटने के लिए अलगाववादी नेताओं की अपीलों को कमजोर किया गया है. अलगाववादियों को अलग किया जा रहा है और 400 लोगों को जन सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया है. सुरक्षा बलों की कोशिश अब आम लोगों तक पहुंचने की है.
इसके अलावा सरकार का सबसे ज्यादा ध्यान स्कूलें खोलने पर है. बच्चों की पढ़ाई बंद है, माता-पिता परेशान हैं. अगले महीने बच्चों के इम्तिहान हैं. प्रधानमंत्री का कहना है कि सबसे पहले स्कूल खुलने चाहिए, इससे माहौल काफी सामान्य होगा.
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