सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा तीनों नए कृषि कानूनों (New Farm Laws) को लागू करने पर रोक लगाने के बावजूद घंटे भर के अंदर बड़ी संख्या में पंजाब के किसान नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस (Republic Day) पर ट्रैक्टर परेड में हिस्सा लेने के लिए रवाना हुए. किसान मजदूर सघर्ष कमेटी के बैनर तले मंगलवार को ट्रैक्टर-ट्रॉली का एक बड़ा काफिला अमृतसर से दिल्ली के लिए रवाना हुआ. किसानों और किसान संगठनों ने 20 जनवरी तक बड़ी संख्या में ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए प्रतिभागियों को भेजने का फैसला किया है. किसानों के कुछ समुदाय ने फैसला किया है कि जो अपनी गाड़ी दिल्ली भेजने में असमर्थ हैं वो जुर्माना भरेंगे अन्यथा उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा.
मंगलवार को राज्यभर के गुरुद्वारों से लाउडस्पीकर से दिल्ली में किसान आंदोलन का समर्थन करने का ऐलान किया गया. गुरुद्वारे से कहा गया, "अगर अभी हम चूक गए तो फिर हमें कभी भी यह मौका नहीं मिलेगा. यह हमारे अधिकारों की लड़ाई है."
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मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने किसान आंदोलन से जुड़े कई मामलों की एकसाथ सुनवाई करते हुए सितंबर 2020 में संसद द्वारा पारित किए गए तीनों नए कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दिया. इसके साथ ही कोर्ट ने चार सदस्यों वाली एक उच्च स्तरीय कमेटी का भी गठन किया, जो किसानों की समस्याओं को सुनकर, सरकार की राय जानकर और किसान कानूनों की समीक्षा कर कोर्ट को अपनी सिफारिशें सौंपेगा.
सुप्रीम कोर्ट की समिति में चुने गए चारों सदस्यों ने किया था कृषि कानूनों का समर्थन
इधर, किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट की बनाई कमेटी के साथ किसी तरह की बातचीत करने से इनकार कर दिया और आरोप लगाया कि समिति के सदस्य सरकार के पक्षधर रहे हैं. किसान संगठनों ने गणतंत्र दिवस (26 जनवरी) पर नई दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकालने का फैसला कर रखा है. भुलार हेरी के किसान रछपाल सिंह ने एनडीटीवी को बताया, "हम लोहड़ी के दिन शाम 5 बजे गांव में इकट्ठा होंगे और काले कानूनों की प्रतियां जलाएंगे."
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