नई दिल्ली:
अपना रुख कड़ा करते हुए दिल्ली सरकार उपराज्यपाल द्वारा नियुक्त गृह सचिव धर्मपाल को तत्काल अपना पद एवं कार्यालय छोड़ने के लिए निर्देश देने की योजना बना रही है और धमकी दी है कि यदि वह आदेश का पालन नहीं करेंगे तो उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने इस संबंध में एक पत्र लिखा है, जिसे धर्मपाल को भेजा जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक इस पत्र में जैन ने कहा है कि धर्मपाल को दिल्ली सचिवालय के पांचवें तल पर स्थित अपना कार्यालय अवश्य खाली कर देना चाहिए क्योंकि वह इस पर 'अनधिकृत' रूप से कब्जा जमाए हैं।
जब इस संबंध में धर्मपाल से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि वह गृह सचिव बने रहेंगे और अपना कार्यालय नहीं खाली करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सोमवार को अपने कार्यालय में बैठूंगा और गृह सचिव बना रहूंगा, क्योंकि मेरी नियुक्ति, जो संवैधानिक है, उपराज्यपाल द्वारा की गई है।’’
चार दिन पहले 'आप' सरकार ने सख्ती से धर्मपाल को उन्हें केंद्र में भेजने के आदेश का पालन करने को कहा था। उधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनका पक्ष लेते हुए उनसे अपने पद पर बने रहने को कहा है।
सूत्रों के अनुसार जैन ने पत्र में कहा है कि धर्मपाल को 9 जून को ही सरकार द्वारा मुक्त कर दिया गया और यदि वह सचिवालय में अपने कार्यालय में बने रहते हैं तो यह अनधिकृत कब्जा माना जाएगा एवं सरकार इस मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी।
'आप' सरकार ने एमके मीणा को दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के प्रमुख के रूप में अधिसूचित करने पर हाल ही में धर्मपाल को गृह सचिव के पद से हटा दिया था। धर्मपाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग के आदेश पर ऐसा किया था।
सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के गृहमंत्री सत्येंद्र जैन ने इस संबंध में एक पत्र लिखा है, जिसे धर्मपाल को भेजा जा सकता है।
सूत्रों के मुताबिक इस पत्र में जैन ने कहा है कि धर्मपाल को दिल्ली सचिवालय के पांचवें तल पर स्थित अपना कार्यालय अवश्य खाली कर देना चाहिए क्योंकि वह इस पर 'अनधिकृत' रूप से कब्जा जमाए हैं।
जब इस संबंध में धर्मपाल से संपर्क किया गया, तो उन्होंने कहा कि वह गृह सचिव बने रहेंगे और अपना कार्यालय नहीं खाली करेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं सोमवार को अपने कार्यालय में बैठूंगा और गृह सचिव बना रहूंगा, क्योंकि मेरी नियुक्ति, जो संवैधानिक है, उपराज्यपाल द्वारा की गई है।’’
चार दिन पहले 'आप' सरकार ने सख्ती से धर्मपाल को उन्हें केंद्र में भेजने के आदेश का पालन करने को कहा था। उधर, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनका पक्ष लेते हुए उनसे अपने पद पर बने रहने को कहा है।
सूत्रों के अनुसार जैन ने पत्र में कहा है कि धर्मपाल को 9 जून को ही सरकार द्वारा मुक्त कर दिया गया और यदि वह सचिवालय में अपने कार्यालय में बने रहते हैं तो यह अनधिकृत कब्जा माना जाएगा एवं सरकार इस मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई करेगी।
'आप' सरकार ने एमके मीणा को दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा के प्रमुख के रूप में अधिसूचित करने पर हाल ही में धर्मपाल को गृह सचिव के पद से हटा दिया था। धर्मपाल ने उपराज्यपाल नजीब जंग के आदेश पर ऐसा किया था।
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