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नई दिल्ली:
केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग ने भाजपा को एक नोटिस भेजकर नरेंद्र मोदी की रैलियों में प्रवेश के लिए टिकटों पर सेवाकर भुगतान करने की मांग की है। हालांकि इस नोटिस पर बीजेपी की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त किए जाने के बाद विभाग ने आनन-फानन में इसे वापस ले भी लिया।
केंद्रीय उत्पाद शुल्क आसूचना महानिदेशालय की लुधियाना इकाई ने छह दिन पहले भाजपा की चंडीगढ़ इकाई को एक पत्र भेजकर कहा था कि पार्टी को संग्रह की गई राशि का ब्यौरा प्रस्तुत करना चाहिए और अगर कोई कर बनता हो तो उसका भुगतान करना चाहिए।
विभाग ने यह पत्र एक जुलाई, 2012 के बाद क्षेत्र में हुई विभिन्न रैलियों में प्रवेश टिकट के संबंध में यह नोटिस भेजा था। उसने कहा कि न ही पार्टी और न मोदी सेवाकर के तहत पंजीकृत हैं और टिकटों की बिक्री से एकत्र की गई रकम पर कोई सेवाकर का भुगतान नहीं किया गया।
विभाग ने कहा, ‘रैलियों में प्रवेश के संबंध में टिकट किसी मनोरंजन कार्यक्रम में प्रवेश के लिए नहीं थे, इसलिए टिकटों की बिक्री से रकम संग्रह करने वाले व्यक्ति पर यह देनदारी बनती है’।
उधर, भारतीय जनता पार्टी ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि संप्रग सरकार ने अब एक नया कौतूहल भरा तरीका ईजाद किया है और वह समझती है कि इसके जरिए व मोदी को घेर लेगी। भाजपा नेता अरण जेटली ने अपने ब्लॉग पर लिखा है, ‘यह सुनने में कितना भद्दा लगता है कि अब वे मोदी की रैलियों पर टैक्स लगा रहे हैं। देशभर में मोदी की रैलियों में जिस तरह का जनसैलाब उमड़ रहा है, उसे देखते हुए वित्तमंत्री अपने घटते राजस्व में वृद्धि की उम्मीद कर सकते हैं’।
जेटली ने कहा कि मोदी की रैलियों के लिए कोई टिकट नहीं है, बल्कि भाजपा ने एक व्यापक धन संग्रह अभियान शुरू किया है और पार्टी कार्यकर्ता रैलियों या फिर देश में कहीं दूसरी जगह धन संग्रह कर रहे हैं।