बाजार वीरान दिख रहे हैं....
नई दिल्ली:
नोटबंदी के ऐलान को हफ्ताभर से ज्यादा हो गया है लेकिन लोगों की समस्या कम नहीं हो रही हैं.बैंकों और एटीएम के आगे लोग लाइन लगाकर खड़े हैं. सबसे ज्यादा समस्या गांवों में हो रही है जहां बैंक कम संख्या में हैं और लोगों के पास एटीएम कार्ड भी नहीं है.
दिहाड़ी मजदूर का धंधा हुआ मंदा
यही नहीं नोटबंदी का सबसे बुरा असर दिहाड़ी मजदूर और बाजार पड़ा है. कई मजदूरों का धंधा काफी मंदा हो गया है और बाजार से खरीददार गायब है .
नोएडा की फैक्ट्रियों का उत्पादन 40 फीसदी गिरा
दिल्ली एनसीआर के सबसे बड़े औद्योगिक इलाके नोएडा की फैक्ट्रियों का उत्पादन करीब चालीस फीसदी तक गिरा है. नोएडा औद्योगिक इलाके में करीब नौ हजार फैक्ट्रियां है. इन फैक्ट्रियों का माल या तो नहीं आ रहा है या फिर इनमें काम करने वाले मजदूर फैक्ट्रियों में काम करने के बजाए बैंकों की लाइनों में खड़े हैं.
दिल्ली के बाजार हुए विरान
दिल्ली के बाजार विरान हैं. सेल 70 से 80 फीसद तक नीचे चला गया है. हालात ठीक होने में शायद तीन महीने तक का वक्त लग जाए, लेकिन सवाल यही है कि शोरूम वाले शायद ये वक्त निकाल भी लें, लेकिन उनका क्या होगा जो छोटी मोटी दुकान लगाते हैं, रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं.
किसान को गेहूं की बुआई में आ रही है दिक्कत
पंजाब और हरियाणा में किसान परेशान हैं. गेहूं की बुआई पर असर पड़ रहा है. उन्हें धान का पूरा पेमेंट नहीं मिला है. वहीं ट्रैक्टर के लिए डीज़ल, बीज और खाद्य मिलने में परेशानी हो रही है.
सूरत का पावरलूम ठप
वहीं गुजरात की शान कहे जाने वाले सूरत का पावरलूम कैश की कमी की वजह से पूरी तरह से ठप है. मज़दूर काम पर नहीं बल्कि बैंकों की लाइन में खड़े हैं.
दिहाड़ी मजदूर का धंधा हुआ मंदा
यही नहीं नोटबंदी का सबसे बुरा असर दिहाड़ी मजदूर और बाजार पड़ा है. कई मजदूरों का धंधा काफी मंदा हो गया है और बाजार से खरीददार गायब है .
नोएडा की फैक्ट्रियों का उत्पादन 40 फीसदी गिरा
दिल्ली एनसीआर के सबसे बड़े औद्योगिक इलाके नोएडा की फैक्ट्रियों का उत्पादन करीब चालीस फीसदी तक गिरा है. नोएडा औद्योगिक इलाके में करीब नौ हजार फैक्ट्रियां है. इन फैक्ट्रियों का माल या तो नहीं आ रहा है या फिर इनमें काम करने वाले मजदूर फैक्ट्रियों में काम करने के बजाए बैंकों की लाइनों में खड़े हैं.
दिल्ली के बाजार हुए विरान
दिल्ली के बाजार विरान हैं. सेल 70 से 80 फीसद तक नीचे चला गया है. हालात ठीक होने में शायद तीन महीने तक का वक्त लग जाए, लेकिन सवाल यही है कि शोरूम वाले शायद ये वक्त निकाल भी लें, लेकिन उनका क्या होगा जो छोटी मोटी दुकान लगाते हैं, रोज कमाते हैं और रोज खाते हैं.
किसान को गेहूं की बुआई में आ रही है दिक्कत
पंजाब और हरियाणा में किसान परेशान हैं. गेहूं की बुआई पर असर पड़ रहा है. उन्हें धान का पूरा पेमेंट नहीं मिला है. वहीं ट्रैक्टर के लिए डीज़ल, बीज और खाद्य मिलने में परेशानी हो रही है.
सूरत का पावरलूम ठप
वहीं गुजरात की शान कहे जाने वाले सूरत का पावरलूम कैश की कमी की वजह से पूरी तरह से ठप है. मज़दूर काम पर नहीं बल्कि बैंकों की लाइन में खड़े हैं.
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