वेंकैया नायडू (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर योग सत्र के पहले ओम के उच्चारण को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू ने आज कहा कि यह अनिवार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि यह अभ्यास या अनुशासन का एक हिस्सा है जो शरीर और मन को एकीकृत करता है तथा इसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी स्वीकार किया है।
योग को विवादित मत बनाइए
नायडू ने कहा कि पिछले साल पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया और यह स्पष्ट रूप से प्राचीन भारतीय ज्ञान को स्वीकार करना था। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ योग को विवादित मत बनाइए। अगर आप ओम का उच्चारण नहीं करना चाहते हैं तो मत करिए। यह अनिवार्य नहीं है।’’ उन्होंने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार को विरासत में ‘‘राजकोषीय घाटा, राजस्व घाटा, व्यापार घाटा, चालू खाता घाटा और सबसे बढ़कर विश्वास की कमी’’ मिली है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
योग को विवादित मत बनाइए
नायडू ने कहा कि पिछले साल पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया और यह स्पष्ट रूप से प्राचीन भारतीय ज्ञान को स्वीकार करना था। उन्होंने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘ योग को विवादित मत बनाइए। अगर आप ओम का उच्चारण नहीं करना चाहते हैं तो मत करिए। यह अनिवार्य नहीं है।’’ उन्होंने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी सरकार को विरासत में ‘‘राजकोषीय घाटा, राजस्व घाटा, व्यापार घाटा, चालू खाता घाटा और सबसे बढ़कर विश्वास की कमी’’ मिली है।
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