शत्रुघ्न सिन्हा का फाइल फोटो...
पटना:
पार्टी नेतृत्व पर सीधा हमला बोलते हुए भाजपा के सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने आज कहा कि 'निहित स्वार्थों' वाले लोग बिहार चुनावों में मिली हार से सबक सीखने से इनकार कर रहे हैं। इसके साथ ही सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी में भी इतनी हिम्मत या डीएनए नहीं है कि मुझे निशाने पर ले सके।
हार के लिए जवाबदेही तय करने की वरिष्ठ नेताओं की मांग का पक्ष लेते हुए सिन्हा ने कहा कि साझा जिम्मेदारी का 'छद्मावरण' अस्वीकार्य है और सुधारात्मक कार्यवाही के लिए लोगों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।
लोकसभा के सांसद सिन्हा ने पार्टी की सतत आलोचना करने के कारण अपने खिलाफ की जाने वाली किसी भी कार्रवाई का उपहास उड़ाया और कहा कि नासमझ लोगों द्वारा कार्रवाई की बात करना महज गीदड़ भभकी है।
शत्रुघ्न ने ट्वीट किया, 'कुछ निहित स्वार्थ अभी भी हैं.. (वे) कोई भी सबक सीखने से इनकार कर रहे हैं, अब भी गलत सूचनाओं के जरिए गलतफहमियां पैदा करने का काम कर रहे हैं। पूर्व गृह सचिव और एक स्वाभिमानी बिहारी शेर (जिन्हें पछाड़ना आसान नहीं) सही हैं। किसी में भी इतनी हिम्मत (या डीएनए) नहीं है कि हमें एक 'फटकार' लगा सके।'
शत्रुघ्न द्वारा डीएनए शब्द का इस्तेमाल मोदी की उस टिप्पणी के संदर्भ में है, जिसमें उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के डीएनए पर तंज कसा था। नीतीश ने बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार में इसे एक बड़ा मुद्दा बना दिया था।
सिन्हा ने कहा, 'इस शिकस्त के लिए जो लोग जिम्मेदार हैं, उन्हें यह जवाब देना चाहिए कि यह सब क्यों, कहां और कैसे हो गया? उन्हें भाजपा के वास्तविक वरिष्ठों को संतुष्ट करना चाहिए। नासमझ लोगों द्वारा कार्रवाई की बात करना महज गीदड़ भभकी है। यह समय है- प्रतिक्रिया का, समझने का, माफी मांगने का और पार्टी के दिग्गजों की संतुष्टि का।' बिहार चुनाव प्रचार शुरू होने के बाद से ही सिन्हा भाजपा के आलोचक रहे हैं, लेकिन अब तक वह शीर्ष नेताओं पर हमला बोलने से बच रहे थे। इसके बजाए वह अपने निशाने पर राज्य के नेतृत्व को ले रहे थे।
जदयू-राजद-कांग्रेस के महागठबंधन का नेतृत्व करते हुए भारी जीत हासिल करने वाले नीतीश कुमार की तारीफ कर चुके सिन्हा ने भाजपा नेतृत्व पर अपने तीखे हमलों से ये संकेत दे दिए हैं उन्होंने अपने हमले तेज करने का मन बना लिया है।
हार के लिए जवाबदेही तय करने की वरिष्ठ नेताओं की मांग का पक्ष लेते हुए सिन्हा ने कहा कि साझा जिम्मेदारी का 'छद्मावरण' अस्वीकार्य है और सुधारात्मक कार्यवाही के लिए लोगों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।
लोकसभा के सांसद सिन्हा ने पार्टी की सतत आलोचना करने के कारण अपने खिलाफ की जाने वाली किसी भी कार्रवाई का उपहास उड़ाया और कहा कि नासमझ लोगों द्वारा कार्रवाई की बात करना महज गीदड़ भभकी है।
शत्रुघ्न ने ट्वीट किया, 'कुछ निहित स्वार्थ अभी भी हैं.. (वे) कोई भी सबक सीखने से इनकार कर रहे हैं, अब भी गलत सूचनाओं के जरिए गलतफहमियां पैदा करने का काम कर रहे हैं। पूर्व गृह सचिव और एक स्वाभिमानी बिहारी शेर (जिन्हें पछाड़ना आसान नहीं) सही हैं। किसी में भी इतनी हिम्मत (या डीएनए) नहीं है कि हमें एक 'फटकार' लगा सके।'
शत्रुघ्न द्वारा डीएनए शब्द का इस्तेमाल मोदी की उस टिप्पणी के संदर्भ में है, जिसमें उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के डीएनए पर तंज कसा था। नीतीश ने बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार में इसे एक बड़ा मुद्दा बना दिया था।
सिन्हा ने कहा, 'इस शिकस्त के लिए जो लोग जिम्मेदार हैं, उन्हें यह जवाब देना चाहिए कि यह सब क्यों, कहां और कैसे हो गया? उन्हें भाजपा के वास्तविक वरिष्ठों को संतुष्ट करना चाहिए। नासमझ लोगों द्वारा कार्रवाई की बात करना महज गीदड़ भभकी है। यह समय है- प्रतिक्रिया का, समझने का, माफी मांगने का और पार्टी के दिग्गजों की संतुष्टि का।' बिहार चुनाव प्रचार शुरू होने के बाद से ही सिन्हा भाजपा के आलोचक रहे हैं, लेकिन अब तक वह शीर्ष नेताओं पर हमला बोलने से बच रहे थे। इसके बजाए वह अपने निशाने पर राज्य के नेतृत्व को ले रहे थे।
जदयू-राजद-कांग्रेस के महागठबंधन का नेतृत्व करते हुए भारी जीत हासिल करने वाले नीतीश कुमार की तारीफ कर चुके सिन्हा ने भाजपा नेतृत्व पर अपने तीखे हमलों से ये संकेत दे दिए हैं उन्होंने अपने हमले तेज करने का मन बना लिया है।
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