केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि दिल्ली में कोरोनावायरस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हो रहा है. सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी मिली है. सूत्रों के अनुसार केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दिल्ली सरकार के कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग पर भी सवाल उठाए हैं. दिल्ली सरकार की ओर से मंगलवार को कहा गया था कि दिल्ली में कोरोनवायरस का कम्युनिटी स्प्रेड शुरू हो गया है और जितने भी मामले आ रहे हैं, उनमें से 50 फीसदी मामलों में संक्रमण के स्रोत का पता नहीं चल रहा है.
सूत्रों के अुनसार, केंद्र का मानना है कि कई इलाकों के कंटेनमेंट ज़ोन्स में वायरस के एक्टिव मामलों को ढूंढ निकालने के लिए बेहतर रणनीति की जरूरत है क्योंकि जब सर्च सघन नहीं होगी तो फिर संक्रमण के सोर्स या कॉन्टैक्ट तक पहुंचने में परेशानी होगी और लगातार या रह-रहकर उस कंटेनमेंट ज़ोन से केस निकलते रहेंगे.
केंद्र का कहना है कि कंटेनमेंट स्ट्रेटेजी के तहत वायरस के मामलों को ढूंढ निकालने के लिए डोर टू डोर अभियान को और दुरुस्त करने की जरूरत है. इस संबंध में धारावी को उदाहरण देते हुए कहा गया है कि यहां पहले 60-80 नए केस रोज़ आते थे और 10-12 मौतें होती थीं लेकिन पिछले 5 दिनों से 10-17 केस आ रहे हैं और एक भी मौत नहीं हुई है.
सरकार का कहना है कि 11 जिलों में से कुछ बेहतर हालत में भी हैं लेकिन कई जिलों में ये समस्या बनी हुई है. 11 में से 5 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 20% से भी ज़्यादा है. केंद्र का कहना है कि नई दिल्ली और साउथ दिल्ली बेहतर हालत में है. केंद्र ने कहा है कि 'हम सहयोग कर रहे हैं और टेक्निकल मदद को भी तैयार हैं.'
बता दें कि मंगलवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा था कि दिल्ली में कोरोनावायरस का कम्युनिटी स्प्रेड हो रहा है और संक्रमण के जितने भी मामले आ रहे हैं, उनमें से 50 फीसदी मामलों में नहीं पता चल रहा कि मरीज को संक्रमण कहां से हुआ है. मनीष सिसोदिया की भी डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के साथ बैठक हुई थी, जिसके बाद उन्होंने बताया था कि केंद्र के अधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में अभी कम्युनिटी स्प्रेड नहीं हो रहा. सिसोदिया ने यह भी कहा था दिल्ली में जिस तेजी से मामले बढ़ रहे हैं, 31 जुलाई तक यहां 5.5 लाख केस हो जाएंगे.
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