निर्भया गैंगरेप और हत्या के मामले चारों दोषियों मुकेश सिंह, विनय शर्मा, अक्षय ठाकुर और पवन गुप्ता को शुक्रवार सुबह साढ़े 5 बजे फांसी पर लटकाया गया. दोषियों में से एक मुकेश ने अपनी मौत से पहले अंगदान करने की इच्छा जाहिर की थी. इसके अलावा विनय की इच्छा थी कि उसने जो पेंटिंग बनाई है वो उसके घरवालों को दे दी जाए. मुकेश और विनय ने कल रात में डिनर में खिचड़ी खाई. पवन और अक्षय पूरी रात बैचेन रहे. ये लोग पूरी रात सो नहीं पाए और पुलिसकर्मियों से पूछते रहे कि क्या कोर्ट से कोई नया ऑर्डर आया है.
चारों दोषियों ने सुबह चाय पीने से सुबह मना कर दिया. फांसी से पहले विनय बहुत रोया और गिड़गिड़ाया और बाकी तीनों लोग शांत रहे. विनय कह रहा था, "मैं मरना नहीं चाहता." वह फांसी से पहले बुरी तरह गिड़गिड़िया. उसने कहा, "मुझे माफ कर दो... मुझे नहीं मरना. जमीन में लेटने लगा."
फंदे पर लटकाने से पहले जब दोषियों को नहाने और कपड़े बदलने के लिए कहा गया, तो दोषी विनय ने कपड़े बदलने से इनकार कर दिया. इसके अलावा उसने रोना शुरू कर दिया और माफी मांगने लगा. फांसी से पहले सुबह नए कपड़े पहनने को दिए जाते हैं. विनय ने नया कुर्ता-पैजामा पहनने से मना कर दिया. आज सुबह आखिरी इच्छा पूछी गयी, कुछ चाहिए- पूजा करनी या कुछ और लेकिन चारों ने कोई जवाब नहीं दिया.
बता दें कि दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक महिला के साथ हुए सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार की सुबह साढ़े पांच बजे फांसी दे दी गई. जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने यह जानकारी दी. पूरे देश की आत्मा को झकझोर देने वाले इस मामले के चारों दोषियों... मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दी गई. दक्षिण एशिया के सबसे बड़े जेल परिसर तिहाड़ जेल में पहली बार चार दोषियों को एक साथ फांसी दी गई.
चारों दोषियों ने फांसी से बचने के लिए अपने सभी कानूनी विकल्पों का पूरा इस्तेमाल किया और बृहस्पतिवार की रात तक इस मामले की सुनवाई चली. इन दोषियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद तीन बार सजा की तामील के लिए तारीखें तय हुईं लेकिन फांसी टलती गई. अंतत: आज सुबह चारों दोषियों को फांसी दे दी गई.
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