नई दिल्ली:
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में प्रधानमंत्री की दावेदारी को लेकर चल रही अटकलों में शनिवार को तब एक रोचक मोड़ आ गया जब पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष विजय गोयल ने कहा कि आम चुनाव के बाद लालकृष्ण आडवाणी भाजपा सरकार का नेतृत्व करेंगे, लेकिन बाद में बात पलटते हुए कहा कि उनका आशय यह था कि वरिष्ठ नेता की देखरेख में सरकार का गठन हो।
गोयल के बयान को मीडिया ने आनन-फानन में तूल दे दिया, तब बाद में उन्हें सफाई देनी पड़ी कि उन्होंने जो कहा उसका आशय यह था कि अनुभवी नेता आडवाणी के निर्देशन में सरकार का गठन हो।
भाजपा के संगठन दिवस के मौके पर गोयल ने कहा, "केंद्र में अगली सरकार आडवाणी के नेतृत्व में बननी चाहिए, किसी और के नेतृत्व में नहीं।"
आडवाणी एवं पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की मौजूदगी में उन्होंने कहा, "अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी को मजबूती दी। वाजपेयी जी तो बीमार हैं, लेकिन आडवाणी के निर्देशन में भाजपा 2014 में सत्ता में आएगी।"
इसके कुछ ही घंटों बाद हालांकि उन्होंने बात पलट दी।
गोयल के बयान को मीडिया ने आनन-फानन में तूल दे दिया, तब बाद में उन्हें सफाई देनी पड़ी कि उन्होंने जो कहा उसका आशय यह था कि अनुभवी नेता आडवाणी के निर्देशन में सरकार का गठन हो।
भाजपा के संगठन दिवस के मौके पर गोयल ने कहा, "केंद्र में अगली सरकार आडवाणी के नेतृत्व में बननी चाहिए, किसी और के नेतृत्व में नहीं।"
आडवाणी एवं पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह की मौजूदगी में उन्होंने कहा, "अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी ने पार्टी को मजबूती दी। वाजपेयी जी तो बीमार हैं, लेकिन आडवाणी के निर्देशन में भाजपा 2014 में सत्ता में आएगी।"
इसके कुछ ही घंटों बाद हालांकि उन्होंने बात पलट दी।
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