प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi ) ने कहा है कि सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) के जरिए दुनिया के टॉप कॉल्स यूनिवर्सिटी कैंपस को भारत लाएगी ताकि भारत में होने वाले ब्रेन ड्रेन (Brain Drain) को रोका जा सके. सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) को लागू करने की कवायद शुरू कर दी है. सोमवार को सभी राज्यों के गवर्नरों से कहा गया कि वो ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस करके अपने-अपने अधीन करीब 400 राज्य विश्वविद्यालयों को इसके लिए तैयार करें.
सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी (PM Modi) ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर सभी राज्यों के गवर्नरों के सम्मेलन में कहा कि "नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने ब्रेन ड्रेन को रोकने के लिए और सामान्य से सामान्य परिवारों के युवाओं के लिए भी श्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के कैंपस भारत में स्थापित करने का रास्ता खोला है. जब देश में ही अंतरराष्ट्रीय स्तर के उत्कृष्ठ कैंपस आएंगे तो पढ़ाई के लिए बाहर जाने की प्रवृत्ति भी कम होगी और हमारी अपनी यूनिवर्सिटी, कॉलेज भी ज्यादा प्रतिस्पर्धी हो पाएंगे."
प्रधानमंत्री का इशारा साफ़ था कि सरकार ब्रेन ड्रेन को रोकने के लिए हर साल विदेश जाने वाले लाखों छात्रों के पलायन को रोकना चाहती है. विदेश मंत्रालय के पास मौजूद आंकड़ों के मुताबिक जुलाई 2019 तक 10.9 लाख भारतीय छात्र विदेशों में हायर एजुकेशन के लिए जा चुके थे. हर साल दो से तीन लाख छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाते हैं.
नई शिक्षा नीति पर PM मोदी ने कहा- अब हमारे युवा अपनी पसंद के अनुरूप कर सकेंगे शिक्षा प्राप्त
गवर्नरों से कहा गया है कि वे अपने-अपने राज्यों में 400 से अधिक राज्य विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों से ऑनलाइन कॉन्फ्रेंस के ज़रिए इस दिशा में आगे बढ़ें. राज्यपालों को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रपति ने 12वीं पंचवर्षीय योजना के आकलन का हवाला देते हुए कहा कि भारत में वर्कफोर्स के 5 प्रतिशत से भी कम लोगों ने औपचारिक व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त की थी जबकि ये संख्या अमेरिका में 52 प्रतिशत, जर्मनी में 75 प्रतिशत और दक्षिण कोरिया में 96 प्रतिशत है. भारत में व्यावसायिक शिक्षा के प्रसार में तेजी लाने के लिए तय तय हुआ है कि 2025 तक कम से कम 50 प्रतिशत विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा प्रदान की जाएगी.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि " यह देखा गया है कि रिसर्च और इनोवेशन में निवेश का स्तर अमेरिका में जीडीपी का 2.8 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया में 4.2 प्रतिशत और इज़राइल में 4.3 प्रतिशत है. जबकि भारत में यह केवल 0.7 प्रतिशत है.
34 साल बाद लाई गई नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने की रूपरेखा को लेकर सरकार को कई तरह के सवालों से जूझना पड़ रहा है. क्युरिकुलम डिजाइन कैसे तैयार हो? स्थानीय भाषाओं में सिलेबस और कंटेंट कैसे तैयार हो सकेगा? सवाल डिजिटल कंटेंट से लेकर साधन-संसाधन जुटाने को लेकर भी है. अब देखना होगा आने वाले महीनों में सरकार इन चुनौतियों से कैसे निपटती है?
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