सोनिया गांधी के साथ राहुल (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपी कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी व उपाध्यक्ष राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में 12 फरवरी को सुनवाई हो सकती है। नेशनल हेराल्ड मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में आगामी 20 फरवरी को सुनवाई होनी है।
गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपी कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, उपाध्यक्ष राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दूबे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता का कहना है कि हाईकोर्ट द्वारा उनके मामले में गलत टिप्पणी की गई है।
हाईकोर्ट ने उक्त आरोपियों को निचली अदालत में पेश होने का आदेश जारी करते हुए कहा था कि प्रथम दृष्टतया उन पर यह आरोप बनते हैं, इसलिए उन्हें अदालत में पेश होना होगा। याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट से मांग की है कि हाईकोर्ट द्वारा उनके प्रति की गई टिप्पणी को हटाया जाए, निचली अदालत में मामले की सुनवाई पर रोक लगाई जाए और उनके खिलाफ चलाए जा रहे मामले को रद्द किया जाए। इसके अतिरिक्त सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका का निपटारा होने तक उन्हें निचली अदालत में व्यक्तिगत पेशी से छूट दी जाए।
यह है पूरा मामला
26 जून 2014 को इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट ने गोमती मनोचा ने सोनिया गांधी व राहुल गांधी के अलावा मोतीलाल वोहरा, जनरल सेक्रेटरी ऑस्कर फर्नाडीस, सुमन दूबे और सैम पित्रोदा को भी समन जारी किया था। आरोप है कि यंग इंडियन लिमिटेड नाम से एक कंपनी बनाई गई थी। जिसने नेशनल हेराल्ड की पब्लिशर एसोसिएटिड जरनल लिमिटेड को टेकओवर कर लिया है। भाजपा नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने अपनी अर्जी में आरोप लगाया था कि सोनिया गांधी व अन्य ने मिलकर षड्यंत्र रचा। जिसके बाद एसोसिएटिड जरनल लिमिटेड को 50 लाख रुपये देकर यंग इंडियन लिमटेड ने 90.25 करोड़ रुपये वसूलने का अधिकार ले लिया। सुब्रह्मणयम स्वामी ने कहा था कि सोनिया और राहुल गांधी ने नेशनल हेराल्ड की पांच हज़ार करोड़ की संपत्ति पर कब्जा कर लिया है।
कोर्ट में पेश हुए थे सोनिया और राहुल
दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों की समन रद्द करने की याचिका को रद्द कर दिया था। इसके बाद सोनिया और राहुल गांधी 19 दिसंबर को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश हुए थे। कोर्ट ने दोनो को 50-50 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी थी और 20 फरवरी को अगली तारीख तय की थी।
किन धाराओं मे हैं सोनिया और राहुल पर आरोप
सोनिया गांधी और राहुल गांधी को जिन आरोपों के तहत पटियाला हाउस कोर्ट ने प्रथम दृष्टतया आरोपी मानते हुए जो समन जारी किए हैं, उनमें भारतीय दंड विधान की ये धाराएं शामिल हैं।
- IPC 420, धोखाधड़ी (अधिकतम सजा सात साल)
- IPC 403, बेईमानी से संपत्ति हथियाना (अधिकतम सजा दो साल)
- IPC 406, अमानत में खयानत (अधिकतम सजा तीन साल)
- IPC 120, आपराधिक साजिश (सजा अपराध के अनुसार)