प्रतीकात्मक फोटो
रांची:
झारखंड एवं छत्तीसगढ़ की सीमा पर बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में चलाए जा रहे संयुक्त अभियान के तहत झारखंड पुलिस, सीआरपीएफ एवं झारखंड जगुआर के दल की नक्सलियों से भीषण मुठभेड़ हुई. नक्सलियों ने बारूदी सुरंगों में विस्फोट किए जिससे आठ जवान घायल हो गए. इस मुठभेड़ में कई नक्सलियों के हताहत होने की भी संभावना है.
मुठभेड़ में गंभीर घायल जवानों को हेलीकॉप्टर से रांची लाया गया. झारखंड पुलिस के कैप्टन शीलप्रिया वर्मा साहस का परिचय देते हुए घायलों को विकट परिस्थिति में बूढ़ा पहाड़ से रांची लाए. इस सराहनीय कार्य के लिए वर्मा को महानिदेश्क एवं पुलिस महानिरीक्ष, झारखंड ने प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया. फिलहाल सुरक्षाबलों द्वारा संयुक्त रूप से बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में घेराबंदी करके नक्सलियों के विरुद्ध सघन अभियान चलाया जा रहा है. एडीजी आरके मल्लिक ने बताया कि घायल जवानों को हेलीकॉप्टर के जरिए रांची के मेडिका हॉस्पिटल लाया गया है. तीन जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है.
यह भी पढ़ें : झारखंड-छत्तीसगढ़ की सीमा पर नक्सलियों ने सुरक्षाबलों पर किया हमला, सात जवान घायल
बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराने के लिए पिछले एक पखवाड़े से अभियान चलाया जा रहा है. इसमें चार राज्यों के दो हजार पुलिस कर्मी लगे हुए हैं. पिछले सप्ताह भी लाटू में लैंड माइंस विस्फोट में चार जवान घायल हुए थे. बूढ़ा पहाड़ का इलाका नक्सलियों के अनुकूल है. माओवादियों ने हर रास्ते पर लैंड माइंस लगा रखी हैं. पुलिस को अभियान के दौरान फूंक-फूंककर कदम उठाना पड़ रहा है.
VIDEO : नक्सलियों का गढ़
पुलिस के अनुसार मुठभेड़ झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा पर पीपरढ़ाबा इलाके में हुई है. यह इलाका बूढ़ा पहाड़ रेंज में आता है. बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों का सेफ जोन माना जाता है. यहीं पर माओवादियों का शीर्ष नेता और एक करोड़ का इनामी अरविंद जी छिपा हुआ है. इसके अलावा नक्सलियों के अन्य शीर्ष नेता भी इसी इलाके में छिपे हुए हैं.
मुठभेड़ में गंभीर घायल जवानों को हेलीकॉप्टर से रांची लाया गया. झारखंड पुलिस के कैप्टन शीलप्रिया वर्मा साहस का परिचय देते हुए घायलों को विकट परिस्थिति में बूढ़ा पहाड़ से रांची लाए. इस सराहनीय कार्य के लिए वर्मा को महानिदेश्क एवं पुलिस महानिरीक्ष, झारखंड ने प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया. फिलहाल सुरक्षाबलों द्वारा संयुक्त रूप से बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र में घेराबंदी करके नक्सलियों के विरुद्ध सघन अभियान चलाया जा रहा है. एडीजी आरके मल्लिक ने बताया कि घायल जवानों को हेलीकॉप्टर के जरिए रांची के मेडिका हॉस्पिटल लाया गया है. तीन जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है.
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बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त कराने के लिए पिछले एक पखवाड़े से अभियान चलाया जा रहा है. इसमें चार राज्यों के दो हजार पुलिस कर्मी लगे हुए हैं. पिछले सप्ताह भी लाटू में लैंड माइंस विस्फोट में चार जवान घायल हुए थे. बूढ़ा पहाड़ का इलाका नक्सलियों के अनुकूल है. माओवादियों ने हर रास्ते पर लैंड माइंस लगा रखी हैं. पुलिस को अभियान के दौरान फूंक-फूंककर कदम उठाना पड़ रहा है.
VIDEO : नक्सलियों का गढ़
पुलिस के अनुसार मुठभेड़ झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा पर पीपरढ़ाबा इलाके में हुई है. यह इलाका बूढ़ा पहाड़ रेंज में आता है. बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों का सेफ जोन माना जाता है. यहीं पर माओवादियों का शीर्ष नेता और एक करोड़ का इनामी अरविंद जी छिपा हुआ है. इसके अलावा नक्सलियों के अन्य शीर्ष नेता भी इसी इलाके में छिपे हुए हैं.