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This Article is From Jan 20, 2016

आगामी बंगाल चुनाव से पहले पीएम मोदी और ममता बनर्जी ने दिए बधाई संदेश

आगामी बंगाल चुनाव से पहले पीएम मोदी और ममता बनर्जी ने दिए बधाई संदेश
ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक दूसरे को नववर्ष की बधाई के ट्वीट भेजे हैं। तृणमूल और बीजेपी की राजनीतिक छींटाकशी के बीच इन नेताओं के ट्वीट की तरफ ध्यान जाना स्वाभाविक है। ख़ास बात यह है कि जहां पीएम मोदी ने ममता बनर्जी को बंगाली भाषा में बधाई दी, वहीं बनर्जी ने पीएम को गुजराती में शुभ संदेश दिया था। इस बात का ज़िक्र इन दोनों नेताओं ने अपने ट्वीट में किया -
 
 

पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा ‘@MamtaOfficial जी से दिल को छू देने वाला नववर्ष शुभकामना संदेश प्राप्त हुआ और वह भी गुजराती में। मैं ममता दीदी को धन्यवाद देता हूं और उनके लिए 2016 बेहतरीन वर्ष रहे, इसकी कामना करता हूं।’

आगामी चुनाव से पहले
गौरतलब है कि अगले कुछ महीनों में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और दोनों ही पार्टियां इस जंग में उतरने की तैयारी में जुटी हुई हैं। बीजेपी का इरादा राज्य में तृणमूल कांग्रेस को चुनौती देने का है और चुनाव में यह पार्टी बंगाल को बनर्जी और विकास के बीच किसी एक को चुनने का आह्वान करती दिखाई देगी। 'परिवर्तन नहीं पतन' के नारे के साथ बीजेपी, मौजूदा तृणमूल सरकार पर वादे न निभाने का आरोप लगा रही है।

बताया जा रहा है कि चुनाव प्रचार में बीजेपी का इरादा तृणमूल को 'सीपीएम की परछाई' बताने का है जिसे ममता बनर्जी ने ही 2011 में राज्य की सत्ता से उखाड़ फेंका था। 2011 के चुनाव में बीजेपी ने राज्य में कोई सीट नहीं जीती थी और उपचुनाव के बाद एक सीट पर कब्ज़ा जमाया था। इसके बाद बीजेपी ने राज्य में अपनी सेना खड़ी की है जिसका थोड़ा बहुत असर 2014 के लोकसभा चुनाव में नज़र आया जब पश्चिम बंगाल में 16 प्रतिशत वोट उसके हिस्से में पड़े।

तृणमूल कांग्रेस औेर भाजपा में लड़ाई जारी
गौरतलब है कि मोदी को ममता का यह संदेश ऐसे समय में मिला है जब मालदा में हुई हिंसा को लेकर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा में खुलेआम लड़ाई चल रही है। तृणमूल सरकार ने भाजपा के एक शिष्टमंडल को हिंसा प्रभावित इलाके में जाने से रोक दिया था। तृणमूल का आरोप है कि भाजपा मालदा घटना का सांप्रदायीकरण करने का प्रयास कर रही है। दूसरी तरफ भाजपा का आरोप है कि ममता बनर्जी वोट बैंक की तुच्छ राजनीति कर रही हैं क्योंकि वह ‘चरमपंथी ताकतों’ का उपयोग कर मुद्दों के सांप्रदायीकरण का प्रयास कर रही हैं।

ममता ने मोदी सरकार पर सहयोग नहीं करने का भी आरोप लगाया और कहा कि उसने राज्य की विभिन्न योजनाओं के लिए धन की कटौती कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा था कि यदि केन्द्र की ओर से पूरा सहयोग मिला होता तो राज्य में रोजगार के विशाल अवसर पैदा होते। उन्होंने दावा किया था, ‘इन सब (असहयोग) के बावजूद हमने लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा किए।’

(इन्पुुट एजेंसी से भी)

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