पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने लगातार तीसरे टर्म के लिए मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है. राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने उन्हें बुधवार को पद की शपथ दिलाई. ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इस हाई स्टेक वाले चुनावों में जी-जान से लगी हुई भारतीय जनता पार्टी को बहुत बड़े अंतरों से हराया है. पूरी मतगणना के बाद तृणमूल के हिस्से में 213 सीटें और बीजेपी के हिस्से में 77 सीटें आईं. लेफ्ट और अन्य को 1-1 सीट मिली है.
शपथग्रहण समारोह में ममता मंच के नीचे गवर्नर धनखड़, टीएमसी नेता और अपने भतीजे अभिषेक बनर्जी और पार्टी के राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ खड़ी नजर आईं. फिर बाद में मंच पर ममता और धनखड़ आपस में मुस्कुराकर बातचीत भी करते नजर आए.
बंगाल में अब ममता बनर्जी के सामने कोरोना महामारी से निपटने की बड़ी चुनौती है. सीएम ने कहा कि वो कोविड के हालात की समीक्षा के लिए एक मीटिंग बुलाने वाली हैं. उन्होंने इसे अपनी पहली प्राथमिकता बताई.
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वहीं, चुनाव नतीजे आने के बाद बंगाल से आई हिंसा की खबरों के चलते भी उनके सामने बीजेपी का तेज विरोध बना हुआ है. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि बंगाल में चुनाव नतीजे आने के बाद तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बीजेपी कार्यकर्ताओं और बीजेपी के समर्थकों पर हमला किया, आगजनी और लूटपाट की. यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है.
ममता ने आज फिर राज्य में शांति बनाए रखने की अपील की. उन्होंने कहा कि वो सभी राजनीतिक पार्टियों से शांति बनाए रखने की अपील कर रही हैं. गवर्नर धनखड़ ने भी कहा कि सबको मिलकर इस हिंसा पर रोक लगानी चाहिए. उन्होंने कहा, 'चुनाव के नतीजे आने के बाद अगर प्रतिशोध के लिए हिंसा हो तो वो लोकतंत्र के खिलाफ है. मुझे विश्वास है कि इसके खिलाफ मुख्यमंत्री एक्शन लेंगी.' उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उनकी छोटी बहन की तरह हैं और वो चुनौती का सामना करेंगी.
वहीं ममता ने कहा कि पिछले तीन महीनों से राज्य में लॉ एंड ऑर्डर चुनाव आयोग के पास था और राज्य में अक्षमता और निष्क्रियता की स्थिति बनी हुई थी, अब इस मुद्दे पर फोकस करेंगी.
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