जनवरी से भारत में कोरोना वायरस के टीकाकरण के शुरू होने की बात केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन (Dr Harsh Vardhan) की ओर से किए जाने के बाद अब महाराष्ट्र में शिक्षकों ने टीकाकरण में उन्हें प्राथमिकता देने की मांग की है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से शिक्षकों ने छात्रों और स्वयं के सुरक्षा को देखते हुए शिक्षकों को सबसे पहले टीकाकरण देने की मांग की है..
शिक्षक राजेश सिंह का कहना है, "जो शिक्षक हैं, हमारे कर्मचारी हैं और जो छात्र हैं, सबसे पहले कोरोना का टीकाकरण हम सबको दिया जाए ताकि कोई डर ना रहे और शिक्षा सुचारू रूप से चलते रहे."
महाराष्ट्र में स्कूलों को शुरू किए जाने से पहले सभी शिक्षक और नॉन टीचिंग स्टाफ को RT-PCR टेस्ट करना पड़ा था. शिक्षा विभाग के अनुसार महाराष्ट्र में 15 हज़ार से ज़्यादा स्कूलों को खोला गया है,10 लाख के करीब छात्र स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं. स्कूलों को खोलने से पहले कुल 1,51,539 शिक्षक और 56,034 नॉन टीचिंग स्टाफ का RT-PCR टेस्ट किया गया था. 2212 शिक्षक और 682 नॉन टीचिंग स्टाफ कोविड संक्रमित पाए गए थे.
शिक्षक अशोक यादव कहते हैं, "महाराष्ट्र सरकार से अपील है कि मुम्बई के शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों के स्वास्थ्य को और आने जाने के समय को ध्यान में रखते हुए इन्हें टीकाकरण मविन प्राथमिकता दी जाए."
जिस तरह से कुछ दिन पहले कुछ राज्य में स्कूल खोले जाने के बाद बड़े पैमाने में छात्र भी कोरोना संक्रमित पाए गए थे, ऐसे में शिक्षकों के इन मांगों पर सरकार क्या निर्णय लेती है, यह देखना अहम होगा.
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