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This Article is From Sep 08, 2021

MP: ''पत्नियों से लड़कर आते हैं अफसर, कब्ज रहती है, क्रिमाफिन+ सीरप दें'', वेतनमान पर डॉक्टरों का अधिकारियों पर कटाक्ष

मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा शिक्षक संघ के डॉक्टरों ने सरकारी अफसरों के नाम एक पत्र लिखा है. यह पत्र सुर्खियों में बना हुआ है.

MP: ''पत्नियों से लड़कर आते हैं अफसर, कब्ज रहती है, क्रिमाफिन+ सीरप दें'', वेतनमान पर डॉक्टरों का अधिकारियों पर कटाक्ष
मध्यप्रदेश के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा शिक्षक संघ का अजीबो-गरीब पत्र वायरल. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
सागर:

मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज (Bundelkhand Medical College) के चिकित्सा शिक्षक संघ ने वल्लभ भवन एवं सतपुड़ा भवन के अफसरों को आड़े हाथ लिया है. 7वें वेतनमान को लेकर BMC चिकित्सा संघ ने एक अजीबो-गरीब पत्र लिखा है. पत्र में लिखा है, ''सतपुड़ा और वल्‍लभ भवन ( मध्यप्रदेश मंत्रालय) के कुछ अफसर पत्नियों से लड़कर आते हैं, जिससे उन्हें कब्जियत रहती है और वो पूरे दिन अतार्किक निर्णय लेते रहते हैं, इसलिये उन्हें दफ्तर के पते पर सिरप क्रेमेफिन प्लस भेजा जाना चाहिये.'' मध्यप्रदेश में सरकारी बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज शिक्षक असोसिएशन ने ये खत अपनी सेंट्रल बॉडी को लिखा है. जो इन दिनों सुर्खियों में है.

असोसिएशन के सचिव डॉ शैलेन्द्र पटेल ने ख़त की पुष्टि करते हुए कहा कि राज्य सरकार में 56 विभाग हैं, जहां 1 जनवरी 2016 से सातवां वेतन आयोग लागू हुआ और लोगों को एरियर मिला. लेकिन सिर्फ चिकित्सा शिक्षा विभाग ही ऐसा था, जहां सातवां वेतन आयोग 2018 से लगाया गया है. उन्हें 2 साल का नुकसान क्यों हुआ? इसका कोई जवाब कोई नहीं दे रहा है. उल्टा अधिकारी अहसान जता रहे हैं, जैसे  तनख्वाह वही दे रहे हैं. जबकि वो खुद 2016 से सातवें वेतन आयोग का लाभ ले रहे हैं.

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सागर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा शिक्षा संघ के अध्यक्ष डॉ. सर्वेश जैन और सचिव डॉ. शैलेन्द्र पटेल ने प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन को लिखे खत में संबंधित अफसरों को मनोवैज्ञानिक सलाह के साथ ही सिरप क्रेमेफिन प्लस जैसी कब्जियत दूर करने वाली दवाइयां दिए जाने की सलाह दी है, जिससे पेट साफ रहता है. 
           
दरअसल, डॉक्टरों की नाराज़गी चिकित्सा शिक्षा के तत्कालीन एडिशनल चीफ सेक्रेटरी से है. डॉक्टरों का आरोप है कि जब इस मुद्दे पर उनके प्रतिनिधि एसीएएस से मिले तो उन्होंने धमकी दी, डॉक्टर साहब सस्पेंड नहीं करूंगा, सीधा मेडिकल रजिस्ट्रेशन कैंसल करूंगा, प्रैक्टिस के लायक नहीं छोड़ूंगा.

असोसिएशन ने खत में ये भी लिखा है कि जबतक दवा की व्यवस्था नहीं होती है, तो समस्त शिक्षक ईमेल और व्हाट्सऐप पर मोटिवेशलन वीडियो उन अफसरों को भेजें. क्रेमेफिन प्लस नहीं मिलने पर डुपालेक्स या पेटसफा भी दे सकते हैं.

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