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This Article is From Jun 18, 2021

मध्‍य प्रदेश : शोकॉज नोटिस पाने वाले IAS का DGP को खत, 'धमकी भरा फोन आया, सुरक्षा मुहैया कराई जाए'

डीजीपी को दी शिकायत में जांगिड़ ने लिखा है, 'रात करीब 11.50 बजे उनके पास एक कॉल आया जिसमें कहा गया कि यदि अपना और परिवार का भला चाहते हो तो छह माह की छुट्टी पर चले जाओ.'

मध्‍य प्रदेश : शोकॉज नोटिस पाने वाले IAS का DGP को खत, 'धमकी भरा फोन आया, सुरक्षा मुहैया कराई जाए'
IAS अधिकारी लोकेश कुमार जांगिड़ ने सुरक्षा मुहैया कराने के लिए डीजीपी को लेटर लिखा है
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
जान को खतरा बताते हुए लिखा डीजीपी को खत
कई बार ट्रांसफर हो चुका है लोकश कुमार जांगिड़ का
भ्रष्‍टाचार के मामले में लगा चुके हैं गंभीर आरोप
भोपाल:

54 महीने में 9 बार तबादलों को लेकर नाराज़गी जताने से चर्चा में आये आएएएस अफसर लोकेश कुमार जांगिड़ को कथित तौर पर जान से मारने की धमकी मिली है. जिस पर उन्होंने मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक को ख़त लिखकर सुरक्षा मांगी है. जांगिड़ ने जो आवेदन पुलिस को दिया है उसमें लिखा है कि उनके सिग्नल ऐप पर गुरुवार की रात 11.50 मिनट पर अज्ञात नंबर से फोन आया और उसने धमकाया कि तू नहीं जानता किससे पंगा लिया है अपने बेटे और अपनी जान की सलामती चाहता है तो छह महीने के लिये छुटटी पर चला जा और मीडिया से बात करना बंद कर वरना बुरा होगा. 

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धमकी देने वाले ने उनके मीडिया के लोगों को इंटरव्यू देने पर आपत्ति जताते हुये बाद में कहा कि ज्यादा शहादत का शौक मत चढ़ा. डीजीपी को लिखे पत्र में जांगिड़ ने लिखा कि जैसे व्यापम के व्हिसल ब्लोअर के साथ हुआ उनके साथ ना हो इसलिये उनके निजी घर के बाहर पुलिस की सुरक्षा और उनको दो सशस्त्र गार्ड दिये जायें. उधर जांगिड़ के पत्र को पुलिस ने गंभीरता से लिया है और डीजीपी दफ्तर से भोपाल के एसएसपी को जांच कर जल्दी रिपोर्ट देने को कहा है. 

मध्यप्रदेश में 2014 बैच के एमपी कैडर के आईएएस अधिकारी लोकेश जांगिड़ का 54 महीनों में 9 बार तबादला हुआ यानी लगभग हर 6 महीने में एक बार, अब उन्होंने अपने बीमार दादा और विधवा मां की देखभाल के लिए गृह राज्य महाराष्ट्र में तीन साल की प्रतिनियुक्ति के लिए आवेदन किया है. हालांकि, सोशल मीडिया में आईएएस अधिकारियों के ग्रुप में किए गए उनके जो पोस्ट लीक हुए हैं वो कुछ और ही कहानी कहते हैं. उनकी लीक पोस्ट 54 महीनों में नौ पोस्टिंग के बारे में उनका दर्द बयां करती हैं, बावजूद इसके कि वे मैदान में लोगों के बीच लोकप्रिय हैं. उनके लीक पोस्ट अधिकारियों के बीच बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार को सहन करने में उनकी असमर्थता को भी जिम्मेदार ठहराते हैं, जिसके कारण उनका बार-बार स्थानांतरण हुआ है. जांगिड़, जिन्हें बड़वानी जिले के अपर कलेक्टर पद से भोपाल में राज्य शिक्षा केंद्र में अतिरिक्त मिशन निदेशक के पद पर स्थानांतरित किया गया था.

जांगिड़ ने बड़वानी जिले के अतिरिक्त कलेक्टर के पद से राज्य शिक्षा केंद्र, भोपाल में अतिरिक्त मिशन निदेशक के पद पर अपने हालिया स्थानांतरण के बारे में लिखा कि वर्तमान बड़वानी जिला कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा ने उनके (जांगिड़) सीएम शिवराज सिंह चौहान के कानों में जहर भरा क्योंकि वह (कलेक्टर) पैसा नहीं बना पा रहा था. उन्हीं पोस्टों में, आईएएस अधिकारी ने वर्तमान बड़वानी कलेक्टर और सीएम दोनों के एक ही किरार समुदाय से होने के बारे में लिखा. सीएम की पत्नी किरार महासभा की मुखिया हैं, जबकि बड़वानी कलेक्टर की पत्नी इसकी सचिव हैं.
     
इस मामले में सरकार ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए जांगिड़ को नोटिस जारी किया गया है. बुधवार को कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि ट्रांसफर एक रूटीन प्रक्रिया है. यदि प्रशासकीय अधिकारी अपने ट्रांसफर को पूर्वाग्रह से ग्रसित कदम मानेगा, तो वह अपने और पद दोनों के साथ न्याय नहीं करेगा. उन्होंने कहा अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि किसी अधिकारी द्वारा अपने सीनियर के साथ की हुई दूरभाष की बात को टैप करना गंभीर अपराध है. सारंग ने कहा कि जिन अधिकारियों को लेकर कांग्रेस ट्वीट कर रही है, वह बताएं कि क्या उनकी 15 महीने की सरकार में इस अधिकारी को हटाने की बात नहीं की गई थी? उस समय कांग्रेस के लिए वह अधिकारी खराब थे.
 

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हालांकि बीजेपी के सांसद सुमेर सिंह सोलंकी ने जांगिड़ के कामकाज की तारीफ की है. इस मसले पर अब कांग्रेस भी शिवराज सरकार को घेर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी जांगिड़ का नाम ना लिये हुये बिना ट्वीट किया है कि एक युवा आईएएस अफसर का कलेकटर ने तबादला करवा दिया क्योंकि वो कलेक्टर को चंदा नहीं दे रहा था.

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