"कांग्रेस के पतन के लिए राहुल गांधी जिम्मेदार" : असम में पार्टी छोड़ने वाले विधायक का लीडरशिप को कड़ा संदेश

रूपज्योति कुर्मी ने कहा कि उनके लिए यह बहुत कठिन फैसला था. वह एक कांग्रेसी परिवार में पैदा हुए और उनकी मां राज्य में मंत्री भी रहीं. 

मेरे लिए यह कठिन फैसला था, मैं एक कांग्रेसी परिवार में पैदा हुआ: रूपज्योति कुर्मी

गुवाहाटी:

असम में कांग्रेस को उस समय तगड़ा झटका लगा जब उसके सबसे मुखर और अहम विधायक ने पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ज्वाइन करने की घोषणा की. वह सोमवार को भाजपा में शामिल होंगे. रूपज्योति कुर्मी ने शिकायत की है कि कांग्रेस ने युवा नेताओं की बात सुनना बंद कर दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस राहुल गांधी को ऐसे ही महत्व देती रही तो पार्टी को पतन हो जाएगा. चार बार के विधायक कुर्मी ने विधानसभा से भी इस्तीफा दे दिया है. इसके तुरंत बाद, कांग्रेस ने उनके निष्कासन की घोषणा की. 

कांग्रेस विधायक ने ऐसे समय पार्टी से अलविदा कहा है जब कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश में पार्टी के शीर्ष चेहरों में से एक माने-जाने जितिन प्रसाद ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया. 

रूपज्योति कुर्मी ने कहा कि उनके लिए यह बहुत कठिन फैसला था. वह एक कांग्रेसी परिवार में पैदा हुए और उनकी मां राज्य में मंत्री भी रहीं. 

राज्य विधानसभा में कांग्रेस के 29 विधायक हैं और कुर्मी के जाने से एक विधायक कम हो जाएगा. कुर्मी टी ट्राइब समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस के एकमात्र विधायक थे. 

रूपज्योति कुर्मी ने एनडीटीवी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में कहा, "मैं एक कांग्रेस परिवार में पैदा हुआ, हम कांग्रेस की संस्कृति में पले-बढ़े हैं. मैं पोस्टर लगाया करता था. बैठकों में चाय दिया करता था. मेरी मां एक मंत्री थीं... मैं कांग्रेस का सिपाही रहा हूं. इस वजह से यह फैसला लेना मुश्किल था."

उन्होंने कहा कि पार्टी ने एआईयूडीएफ के साथ किसी भी तरह का गठबंधन नहीं करने की उनकी सलाह को नजरअंदाज किया और इसका परिणाम उसे अप्रैल-मई में हुए चुनाव में भुगतना पड़ा. 

कुर्मी ने कहा, "पहले असम विधानसभा चुनाव से पहले हाई कमांड से आग्रह किया था कि एआईयूडीएफ के साथ गठबंधन ऊपरी असम में कांग्रेस के लिए हानिकारक होगा. उन्होंने मेरी बात नहीं सुनी, लेकिन मैं सही साबित हुआ. मुझे लगा कि दिल्ली में आलाकमान और असम में आलाकमान ने हमारी नहीं सुनी. मुझे लगता है कि कांग्रेस नहीं चाहती कि युवा बढ़े. वह चाय बागान श्रमिकों या आदिवासियों जैसे पिछड़े वर्गों के युवा नेताओं को बढ़ावा नहीं देना चाहती, इसलिए मैंने फैसला किया कि मैं कांग्रेस छोड़ दूंगा."

असम चुनाव से पहले रूपज्योति कुर्मी ने अपने भाजपा में जाने की अफवाहों को खारिज किया था. उन्होंने हृदय परिवर्तन के बारे में भी बताया. उन्होंने मुख्यमंत्री के बारे में कहा, "हिमंता बिस्वा सरमा जिस तरह से राज्य का नेतृत्व कर रहे हैं वह काबिले तारीफ है. जिस तरह से उन्होंने नशीली पदार्थों के खतरे आदि पर नकेल कसना शुरू कर दिया है, उसने मुझे प्रभावित किया है."

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लेकर कुर्मी ने कहा, "राहुल जी कुछ नहीं कर सकते. वह कांग्रेस के पतन के लिए जिम्मेदार हैं. हाल के असम विधानसभा चुनावों के नतीजे स्पष्ट संकेत हैं कि अगर कांग्रेस राहुल गांधी को महत्व देती है तो उसे नुकसान होता रहेगा. पार्टी अपनी प्रासंगिकता खोती रहेगी."

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