बुलंदशहर में 'लेडी सिंघम' ने स्थानीय नेता को पढ़ाया कानून का पाठ
बुलंदशहर:
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में 'लेडी सिंघम' श्रेष्ठा सिंह (सीओ स्याना) की जांबाजी की हर तरफ चर्चा हो रही है. दरअसल ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के कारण जब बीजेपी के एक स्थानीय नेता का पुलिस ने चालान किया तो उन्होंने दबंगई दिखाने की कोशिश की. इसके बाद लेडी पुलिस अफसर ने उनकी ऐसी बोलती बंद की कि लोग दंग रह गए. सोशल मीडिया पर 'लेडी सिंघम' का यह वीडियो वायरल हो रहा है. मामला गुरुवार का है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एकतरफ कानून व्यवस्था दुरुस्त करने में लगे हैं, तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी के ही नेता और कार्यकर्ता दबंगई छोड़ने का नाम नहीं ले रहे हैं.
----- ----- वीडियो रिपोर्ट ----- -----
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दरअसल, स्याना में चेकिंग के दौरान जब जिला पंचायत सदस्या प्रवेश देवी के पति प्रमोद लोधी को पुलिस ने बिना हेलमेट और बिना कागजात के बाइक चलाते पकड़ा और चालान किया तो वह सीओ स्याना श्रेष्ठा सिंह से ही भिड़ गए. प्रमोद लोधी ने सीओ से भी अभद्रता की, जिसके बाद उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले में एफआईआर दर्ज कराकर गिरफ्तार कर लिया गया.
जब प्रमोद को कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाया गया तो वहां बड़ी संख्या में बीजेपी नेता के समर्थक पहुंच गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनसे चालान के नाम पर दो हजार रुपये मांगे.
हंगामा कर रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं को श्रेष्ठा सिंह ने कहा कि आप लोग ऊपर चले जाइये और सीएम साहब से लिखवाकर ले आइये की पुलिस को चेकिंग का कोई अधिकार नहीं है. वो गाड़ियों की चेकिंग न करे. हम अपनी गाड़ियों की जांच नहीं करवाएंगे.
उन्होंने कहा कि अगर कोई नियमों का उल्लंघन करेगा, सरकारी कामकाज में बाधा डालेगा और बदसलूकी करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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दरअसल, स्याना में चेकिंग के दौरान जब जिला पंचायत सदस्या प्रवेश देवी के पति प्रमोद लोधी को पुलिस ने बिना हेलमेट और बिना कागजात के बाइक चलाते पकड़ा और चालान किया तो वह सीओ स्याना श्रेष्ठा सिंह से ही भिड़ गए. प्रमोद लोधी ने सीओ से भी अभद्रता की, जिसके बाद उनके खिलाफ सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले में एफआईआर दर्ज कराकर गिरफ्तार कर लिया गया.
जब प्रमोद को कोर्ट में पेश करने के लिए ले जाया गया तो वहां बड़ी संख्या में बीजेपी नेता के समर्थक पहुंच गए और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनसे चालान के नाम पर दो हजार रुपये मांगे.
हंगामा कर रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं को श्रेष्ठा सिंह ने कहा कि आप लोग ऊपर चले जाइये और सीएम साहब से लिखवाकर ले आइये की पुलिस को चेकिंग का कोई अधिकार नहीं है. वो गाड़ियों की चेकिंग न करे. हम अपनी गाड़ियों की जांच नहीं करवाएंगे.
उन्होंने कहा कि अगर कोई नियमों का उल्लंघन करेगा, सरकारी कामकाज में बाधा डालेगा और बदसलूकी करेगा तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
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