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This Article is From Jan 01, 2021

केरल: कभी सफाईकर्मी के तौर पर काम करती थीं आनंदवल्‍ली, अब चुनी गईं ब्‍लॉक पंचायत की अध्‍यक्ष

पतनापुरम की 13 सदस्यीय ब्लॉक पंचायत में एलडीएफ ने 13 सीटों पर जीत दर्ज की. परिषद में एलडीएफ की नेता चुनी जाने के बाद आनंदवल्ली ने 30 दिसंबर को अध्यक्ष का कार्यभार संभाल लिया.

केरल: कभी सफाईकर्मी के तौर पर काम करती थीं आनंदवल्‍ली, अब चुनी गईं ब्‍लॉक पंचायत की अध्‍यक्ष
सफाईकर्मी रह चुकीं आनंदवल्ली ब्‍लॉक पंचायत प्रमुख चुनी गई हैं (प्रतीकात्‍मक फोटो)
कोल्लम:

आनंदवल्ली एक दशक पहले जब अंशकालिक सफाईकर्मी के तौर पर काम करने के लिए केरल के पतनापुरम ब्लॉक पंचायत (Kerala's Kollam district) पहुंची थीं तो सोचा भी नहीं था कि एक दिन वह स्थानीय निकाय की प्रमुख बन जाएंगी. वंचित वर्ग के सशक्तिकरण की प्रतीक, अनुसूचित जाति की आनंदवल्ली (46) हालिया स्थानीय निकाय चुनावों के बाद पंचायत की अध्यक्ष चुनी गई हैं. माकपा की सदस्य आनंदवल्ली (Anandvalli) ने कहा, ‘‘मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसे कार्यालय में इतने बड़े पद पर पहुंच पाऊंगी जहां मैं अंशकालिक सफाईकर्मी का काम कर रही थी.'' हालिया निकाय चुनाव में अधिकतर सीटें जीतने वाले माकपा नीत एलडीएफ ने पतनापुरम ब्लॉक अध्यक्ष पद के लिए आनंदवल्ली के नाम का प्रस्ताव दिया. माकपा उम्मीदवार आनंदवल्ली ने चुनावों में तलावुर डिवीजन में बड़े अंतर से इस सीट पर जीत हासिल की.

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पतनापुरम की 13 सदस्यीय ब्लॉक पंचायत में एलडीएफ ने 13 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि मुख्य विपक्षी कांग्रेस नीत यूडीएफ को छह सीटें मिलीं. परिषद में एलडीएफ की नेता चुनी जाने के बाद आनंदवल्ली ने 30 दिसंबर को अध्यक्ष का कार्यभार संभाल लिया. अध्यक्ष का पद अनुसूचित जाति या महिलाओं के लिए आरक्षित था. उनकी उपलब्धि पर परिवार, दोस्तों और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया कैसी रही, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘मेरा गांव बहुत खुश है.'' आनंदवल्ली के परिवार के कुछ और भी सदस्य माकपा से जुड़े हैं. उनके पति पार्टी की स्थानीय कमेटी के सदस्य हैं.
आनंदवल्ली ने कहा कि पिछले सप्ताह तक वह ब्लॉक कार्यालय में जिन अधिकारियों के पास चाय पहुंचाती थीं, वह भी उन्हें ब्लॉक पंचायत के शीर्ष पद देखकर खुश हुए.

माकपा की शाखा कमेटी सदस्य आनंदवल्ली ने कहा, ‘‘उन्होंने चुनाव लड़ने के लिए मेरा हौसला बढ़ाया. शुरुआत में मैं थोड़ा हिचक रही थी लेकिन उन लोगों के समझाने पर मैंने चुनाव लड़ने का फैसला किया. हर किसी ने मेरी मदद की.'' आनंदवल्ली, परियोजना समीक्षा बैठकों के दौरान हॉल में अध्यक्ष, अधिकारियों और परिषद के सदस्यों को चाय-पानी पहुंचाती थीं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं बैठकों में सदस्यों द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों को गौर से सुनती थी. मुझे इस संबंध में जानकारी है. अब मैं प्रक्रिया से लेकर विभिन्न कामकाज तक हर चीज के बारे में जानकारी लूंगी. ''
इंटरमीडिएट तक पढ़ाई कर चुकीं आनंदवल्ली ने कहा कि वह इस पद के साथ न्याय करने और उचित फैसले के लिए अपनी पार्टी के सहयोगियों और अधिकारियों की मदद लेंगी.आनंदवल्ली 2011 में अशंकालिक सफाईकर्मी के तौर पर पंचायत कार्यालय से जुड़ी थीं. वर्ष 2017 तक उन्हें 2,000 रुपये मासिक वेतन मिलता था. बाद में यह राशि बढ़ाकर 6,000 रुपये की गई थी.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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