नई दिल्ली:
आयकर विभाग अधिकार क्षेत्र मुक्त आकलन की एक नयी प्रणाली पर काम कर रहा है जिसमें किसी करदाता का आकलन देश के किसी भी हिस्से में बैठा कर अधिकारी कर सकेगा. इस कदम का उद्देश्य भ्रष्टाचार व उत्पीड़न की घटनाओं पर लगाम लगाना है. अधिकारियों का कहना है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस पहल की औपचारिकताएं तय करने के लिए एक विशेष टीम बनाई है. उल्लेखनीय है कि मौजूदा व्यवस्था में किसी शहर या कस्बे विशेष में रहने वाले करदाता का आकलन उसी समय विशेष में किया जाता है.
जानकार अधिकारियों ने कहा,‘यह अपनी तरह की अनूठी व विशेष पहल है जिससे कर निर्धारित्री व आकलन अधिकारी के बीच रिश्ता पूरी तरह बदल जाएगा. इसके तहत किसी करदाता की आयकर रिटर्न, जांच मामले वआईटी से जुड़े अन्य संवाद देश भर के किसी भी आयकर कार्यालय के अधिकारी को दिए जा सकेंगे. यह चयन डेटाबेस प्रणाली ‘रेंडमली’ करेगी.’
नई प्रणाली में हो सकता है कि दिल्ली के किसी करदाता से जुड़े आईटीआर व अन्य कागजात आकलन के लिए मुंबई या कोच्चि के किसी भी आयकर अधिकारी को दे दिए जाएं. वित्त मंत्रालय में एक अन्य अधिकारी ने कहा कि प्रस्तावित नयी प्रणाली के लिए आयकर कानून 1961 में संशोधन की जरूरत होगी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
जानकार अधिकारियों ने कहा,‘यह अपनी तरह की अनूठी व विशेष पहल है जिससे कर निर्धारित्री व आकलन अधिकारी के बीच रिश्ता पूरी तरह बदल जाएगा. इसके तहत किसी करदाता की आयकर रिटर्न, जांच मामले वआईटी से जुड़े अन्य संवाद देश भर के किसी भी आयकर कार्यालय के अधिकारी को दिए जा सकेंगे. यह चयन डेटाबेस प्रणाली ‘रेंडमली’ करेगी.’
नई प्रणाली में हो सकता है कि दिल्ली के किसी करदाता से जुड़े आईटीआर व अन्य कागजात आकलन के लिए मुंबई या कोच्चि के किसी भी आयकर अधिकारी को दे दिए जाएं. वित्त मंत्रालय में एक अन्य अधिकारी ने कहा कि प्रस्तावित नयी प्रणाली के लिए आयकर कानून 1961 में संशोधन की जरूरत होगी.
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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